oppositionnews गाजियाबाद (10 मई 2024) एनएच-9 पर स्थित महागुनपुरम सोसायटी में एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेश के बाद मास्टर प्लान ग्रीन एरिया का जीडीए अधिकारियों व अभियंताओं की टीम सोसायटी का निरीक्षण करने पहुंची।
मास्टर प्लान ग्रीन एरिया तहत लगाए गए डेढ़ हज़ार से ज्यादा पेड़ दो साल के भीतर ही उजडऩे व गंदे पानी के तालाब में तब्दील होने के रेजिडेंट द्वारा लगाए गए आरोपों के संबंध में ग्रीन एरिया का निरीक्षण किया। टीम ने एक-एक प्वाइंट पर जाकर जांच की। एसटीपी में जाकर वहां ऑपरेटरों से पूछताछ की। जीडीए के सहायक अभियंता अजित सिंह ने बताया कि मामले में विस्तृत रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को पेश की जाएगी। इसके बाद बिल्डर को नोटिस जारी किया जाएगा।
जीडीए ओएसडी गुंजा सिंह ने बताया कि सोसायटी का रखरखाव करने वाली एजेंसी को निर्देश देकर व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जाएंगी। इस दौरान रेजिडेंट नवीन तोमर, एससी वर्मा, इशांत वत्स, गर्विता सिरोही और अंशु तोमर भी मौजूद थीं । बिल्डर द्वारा मास्टर प्लान ग्रीन एरिया पर अतिक्रमण को लेकर रेजिडेंट्स ने एनजीटी में याचिका दायर की थी जिस पर सुनवाई के बाद एनजीटी ने जुलाई 2022 में सोसायटी के पीछे करीब 16500 वर्गमीटर मास्टर प्लान ग्रीन एरिया को अतिक्रमण मुक्त कराने के साथ पौधे रोपण करने के आदेश दिए गए थे। जिसके बाद मास्टर प्लान ग्रीन एरिया को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए जीडीए द्वारा बिल्डर से मास्टर प्लान ग्रीन एरिया की 13 हजार वर्गमीटर जमीन पर 1600 पौधे रोपित कराए थे लेकिन बिल्डर की लापरवाही के चलते सभी पेड़ डेढ़ साल में ही उजड़ गए इसके अलावा सोसायटी के एसटीपी से अशोधित पानी की निकासी मास्टर प्लान ग्रीन एरिया में हो रही है। इसके कारण यह क्षेत्र गंदे पानी के तालाब में तब्दील हो गया है। जिससे महागुनपुरम सोसायटी के लगभग दो हजार फ्लैटों में रहने वाले आठ हजार से ज्यादा रेजिडेंट त्रस्त हैं।