GDA News गाजियाबाद(1जनवरी 2025) नववर्ष2025 के शुरु होते ही जीडीए (गाजियाबाद विकास प्राधिकरण) वी.सी. अतुल के. ने कई संकल्प लिए हैं क्योंकि वी.सी. अतुल के मुताबिक 2024 उपलब्धियां से भरा रहा। इस दौरान जीडीए ने एक तरफ कई लंबित कार्यों को अपने अंजाम तक पहुंचाया वही नए गाजियाबाद हर नंदीपुरम योजना लाने का फैसला भी इस वर्ष लिया। यही नहीं आने वाले 2025 में जीडीए उपाध्यक्ष ने कई महत्वपूर्ण नई संकल्प लिए हैं अगर यह संकल्प पूरे हो गए तो साफ तौर पर जीडीए की दशा और दिशा दोनों बदल जाएंगे और आमजन का विश्वास जीडीए पर बढ़ेगा।
‘‘हरनन्दीपुरम योजना” लाये जाने की संकल्पना उपाध्यक्ष अतुल वत्स ने की है।योजना की परिधि का निर्धारण कर लिया गया है। कुल 521 हेक्टयर भूमि पर विकसित होने वाली इस योजना के लिए ‘‘आपसी-सहमति‘‘ के आधार पर ‘‘सीधा क्रय‘‘ किया जायेगा। अधिग्रहण दर निर्धारण के लिये जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक की गई। जिसके लिये समिति का गठन किया गया। व किसानों/भूमि धारकों से सहमति प्राप्त की जा रही है।
इन्दिरापुरम योजना का हस्तान्तरण
इन्दिरापुरम योजना को नगर निगम गाजियाबाद को हस्तान्तरित किया गया है, जिसके लिये आवश्यक नागरिक सुविधाओं को जन सामान्य के उपयोग के लिए सुलभ बनाये जाने के उद्देश्य से प्राधिकरण ने रूपये 185 करोड़ नगर निगम गाजियाबाद की सहमति से हस्तगत कराया । जो कि एक लंबे समय से लंबित था।
बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली का कार्यान्वयन :
अनुशासन में सुदृढ़ता लाने के लिए गाजियाबाद विकास प्राधिकरण में 1.12.2024 से बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू किया जा चुका है। इसके क्रियान्वयन से प्राधिकरण के प्रत्येक अधिकारी/कर्मचारियों को प्रातः 10.00 बजे से 10.15 तक अपनी उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन पर दर्ज कराना आवश्यक कर दिया गया है।
लैण्ड ऑडिट व सम्पत्ति ऑडिट : प्राधिकरण की पूर्व विकसित योजनाओं का लैण्ड ऑडिट और सम्पत्ति ऑडिट विशेषज्ञ फर्म के माध्यम से कराया गया। इस प्रक्रिया में विभिन्न योजनाओं में से लगभग 1000 करोड़ मूल्य की सम्पत्ति रिक्त पायी गई है जिसे नियोजित कर नीलामी के माध्यम से निस्तारण किया जायेगा।
मधुबन बापूधाम योजना :
मधुबन बापूधाम योजना में चल रहे किसान/भूधारकों के गतिरोध को समाप्त करने की रणनीति निर्धारित की गई, जिसमें किसानों द्वारा न्यायालय द्वारा निर्धारित विकसित भूखण्ड की मांग की जा रही थी। इस क्रम में 6 प्रतिशत व 10 प्रतिशत के अनुपात में भूखण्ड सृजित कर दिये गये हैं, जिनका आवंटन लॉटरी सिस्टम के माध्यम से किया जायेगा।
मलिन बस्ती/ई.डब्लू.एस. इकाईयों के जीर्णोद्धार एवं पुनर्नियोजन: तुलसी निकेतन योजना के ई.डब्लू.एस. भवनों के जीर्णोद्धार के लिए कंसलटेंट एजेंसी ई. एण्ड वाई. से कार्ययोजना व डीपीआर तैयार करायी जा रही है। भविष्य में पीपीई मॉडल पर मजबूत व शानदार भवन, दुर्बल वर्ग/अल्प आय वर्ग के लोगों को दिये जायेंगे।
अधिकारियों/कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण व कार्यशाला
सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 व आईजीआरएस के बारे में कार्यशाला का आयोजन,
वित्त और प्रशासनिक कार्यो के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम
हेल्थ कैम्प का आयोजन,
इस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट:
ई.ओ.आर.सी. (इस्टर्न ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर) प्रोजेक्ट की संकल्पना भारत में एक समर्पित रेलवे मार्ग तैयार करने से जुड़ी है, जो मुख्यतः आर्थिक, औद्योगिक और पर्यावर्णीय उद्देश्यों के पूरा करने के लिये प्रस्तावित है। यह कॉरिडोर दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र और उसके आसपास के राज्यों में यातायात का दवाब कम करने, औद्योगिक क्षेत्र को आपस में जोड़ने और माल परिवहन को अधिक तेज और कुशल बनाने पर केन्द्रित है।