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Gda bulldozer action in ghaziabad करप्शन, अवैध निर्माण य जनता से ठगी पर रहो खामोश-पत्रकारिता दिखाई तो गुंडों से इलाज या होगी एफआईआर

Gda bulldozer action in ghaziabad

    Gda bulldozer action in ghaziabad

गाजियाबाद – गाजियाबाद में हाल के दिनों में जो चल रहा है उसको बयां करना जितना पेचीदा है उतना ही मुश्किल उसको समझना भी।

Gda bulldozer action in dasna ghaziabad
Bulldozer action by GDA in dasna ghaziabad

खेती से मायूस किसान अपनी पुश्तैनी जमीन पर निर्माण करे या पाई पाई जोड़ कर कोई छत का सपना देखे तो बिल्डर, प्रापर्टी डीलर की चालबाजियो से लेकर जीडीए के पीले पंजे का खौफ कदम कदम पर सताते हैं। भूमाफिया, बिल्डर और करप्शन का गठजोड़ कुछ सरकारी अधिकारियों के संरक्षण में जनता को लगभग लूटने में जुटा है। और जनहित में अगर कोई पत्रकार केवल खबर दिखाने की सोच भी ले तो सबसे पहले उसको चांदी के चंद सिक्कों से ललचाया जाएगा, वो बेवकूफ अगर न बिका तो फिर माफिया किसी दबंग, गुंडे से धमकवाएगा, पत्रकार बिल्कुल ही इंकलाबी और बेकाबू हो गया तो बिल्डर माफिया अपने लीगल सेल से पुलिस के संरक्षण में फर्जी एफआईआर और झूठे आरोपों में फंसाने का दांव खेलेगा। आज फिलहाल हम जगह जगह पर अपनी पुश्तैनी जमीन पर या गांव देहात में सस्ती छत मुहैया कराने वालों के खिलाफ लगभग हर रोज़ अवैध निर्माण के नाम पर बुल्डोजर चलाने वालों की ठीक नाक के नीचे उनके संरक्षण में हो रहे सैकड़ों अवैध निर्माण की डिटेल बताने के बजाय सिर्फ इतना बता दें कि लगभग दो महीने के दौरान अकेले गाजियाबाद के कई पत्रकारों को न सिर्फ जान का जोखिम रहा बल्कि कई के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज कराई गई और एक मामले में तो इंटरव्यू लेने वाला गरीब पत्रकार जेल भेज दिया गया और इंटरव्यू देने वाला और करोड़ों की कथित गड़बड़ी के आरोप लगाने वाला कथित करोड़पति बाहर घूमता रहा। लेकिन हद तो तब हो गई जब इस शहर के सबसे पुराने केबिल चैनल और मीडिया हाउस ने एक नेता की पत्रकार वार्ता को दूसरे कई मीडिया हाउसेज की तरह ही प्रसारित किया, तो अकेले इस मीडिया हाउस के संपादक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। आरोप है शहर के बीचों बीच एक होटल पर कथित तौर पर वही आरोप लगे जो कि बजरिया और नवयुग मार्केट के होटलों पर लग चुके थे, और यह संपादक इस मामले में उक्त कधित अवैध होटल व उसके आकाओं से जनहित में सवाल पूछने की हिमाकत कर रहे थे। बहरहाल गाजियाबाद में इस तरह के मामलों की फेहरिस्त लंबी है। संक्षिप्त यह कि जिसने भी भू-माफिया, बिल्डर लॉबी,दबंगों, या किसी अवैध कृत में शामिल गैंग उसके आकाओं की मर्जी के खिलाफ कलम चलाई तो उसकी खैर नहीं। अब हम बताते हैं बिल्कुल ताजा मामला, जिसमें कुछ अधिकारियों के कथित संरक्षण में या फिर खुफिया पार्टनरशिप में गाजियाबाद में रेलवे लाइन से सटी हुई भूमि पर सैकड़ों फ्लैट बनाकर लाखों में बेचने का खेल चलाया गया। लेकिन जब कुछ खरीदारों ने फ्लैट पर लोन लेने के लिए पूछा तो पता चला कि ये सभी फ्लैट बिना नक्शा पास कराए ही अवैध रूप से खड़े कर दिए गए। इस बारे में जीडीए के एक जेई श्री सतेंद्र जी जब पूछा गया तो उन्होंने बेबसी का इजहार करते हुए कहा कि बिल्डर लॉबी इतनी रसूखदार थी कि उसके विरुद्ध एक्शन मेरी ताकत से बाहर की बात थी। लेकिन अब चर्चा यह भी है कि वर्तमान में जीडीए में ईमानदार छवि वाले तेजतर्रार युवा वीसी अतुल वत्स की कार्यशैली बता रही है कि वो अवैध निर्माण पर सख्त हैं और उनकी नजर इतने बड़े अवैध निर्माण पर पड़ गई तो नियमानुसार कार्रवाई तय है। ऐसे में रेलवे लाइन के नजदीक बनाए गए सैकड़ों फ्लैट्स के खरीददारों के मन में सवाल है कि जब यहां नक्शा पास ही नहीं तो देर सबेर अगर जीडीए की सीलिंग या बुल्डोजर यहां चल गया तो हमारे जीवन भर की कमाई का क्या होगा। साथ ही उनका बिल्डर से सवाल है कि यदि नक्शा पास है तो उसकी प्रति खरीदारों को मुहैया कराई जाए। जनता का यही सवाल  उक्त दबंग बिल्डर से किया गया तो उन्होंने कोई ठोस जवाब देने के बजाय ,कई चरणों में टैक्निकली कई तरह की धमकियों भरी बातों के बाद अपनी भारी-भरकम लीगल टीम से कार्रवाई तक की बात कह डाली। अब सवाल यह उठता है कि जिस शहर में सैंकड़ों अवैध निर्माण लोगों की गाढ़ी कमाई को ठिकाने लगाने की नीयत से रातोंरात खड़े कर दिए गए हों, उनके खिलाफ सवाल पूछना क्या गैरकानूनी है। करप्शन और माफिया के खिलाफ केंंद्र और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जिस तरह जीरो टॉलरेंस का रुख इख्तियार किया है उसके बाद तो गाजियाबाद के वर्तमान हालात को देखते हुए जिला प्रशासन, नगर निगम, जीडीए और पुलिस को एक संयुक्त कमेटी का गठन करके हर उस मामले की गहनता से जांच करना चाहिए जिसमें गंभीर आरोप सामने आ रहे हों,ताकि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप आम जनमानस खुद को सुरक्षित महसूस करें।

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आज़ाद ख़ालिद टीवी जर्नलिस्ट हैं, सहारा समय, इंडिया टीवी, वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज़ सहित कई नेश्नल न्यूज़ चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। Read more

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