-जीडीए अफसरों का जादू सील के बावजूद होता रहा निर्माण

-सील भूखड पर कौन कर गया रातों रात निर्णय
गाजियाबाद (16 फरवरी 2025,)- बतौर जीडीए वीसी तेज़ तर्रार आईएएस अतुल वत्स ने जब से कार्यभार संभाला है तब से शहरवासियों को उम्मीद जगी है कि शहर का न सिर्फ सुनियोजित विकास होगा बल्कि जीडीए के अंदर का करप्शन भी कंट्रोल होगा। लेकिन मौजूदा स्थितियों को देखते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि या तो अतुल वत्स जैसे ईमानदार अफसर भी जीडीए के कुछ पुराने खिलाड़ियों के चक्रव्यूह में अकेले पड़ रहे हैं या फिर जीडीए में जारी खेल की सूचनाएं उन तक नहीं पहुंच पा रहीं हैं ।

दरअसल यह बात हम इसलिए कह रहे हैं कि यह जीडीए वही है जिसके कुछ अफसरों के नाम घंटाघर से ट्रक यूनियन तक बनाए गए फ्लाईओवर में हुए खेल का रिकॉर्ड जुड़ा है। साथ ही नया बस अड्डा पर बनाए गए विकास मीनार का खेल हो या फिर पब्लिक यूटिलिटीज को खुर्द-बुर्द करने का खेल हो फिर कुछ और मामले, गाजियाबाद की जनता को सब याद है।
आज भी हालत यह हैं कि कविनगर क्षेत्र में सील हो चुका एक भूखंड रातों रात कई मंजिल बन गया। और काम अब भी जारी है।इस बारे में जीडीए अधिकारी पीके सिंह जी भी जानकारी मांगी गई लेकिन जवाब क्या होगा आप समझ सकते हैं। जबकि दूसरी तरफ हालात यह है कि यदि कोई किसान अपनी पुश्तैनी जमीन पर कोई निर्माण करता है तो जीडीए का पीला पंजा एक्टिव हो जाता है लेकिन वर्तमान में दर्जनों नहीं बल्कि सैकडो ऐसे निर्माण हैं जो जीडीए अफसरों की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
बहरहाल जीडीए गाजियाबाद में हरनंदीपुरम जैसी महत्वाकांक्षी योजना ला रहा है लेकिन मौजूदा हालात जीडीए के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।