रांची (24 जनवरी 2018)- काफी साल पहले हुआ चारा घोटाला बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद को बेहद भारी पड़ रहा है। पहले ही दो मामलों में सज़ा भुगत रहे लालू को बुधवार को एक और यानि तीसरे मामले में अदालत ने सज़ा सुनाई है। इस बार चारा घोटाले के चाईबासा कोषागार में हुए गबन के मामले में राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव को 5 साल की सज़ा सुनाई गई है। बुधवार को सीबीआई की स्पेशल अदालत ने सज़ा सुनाई है। इसके अलावा लालू प्रसाद यादव पर 10 लाख रुपये जुर्माने के तौर पर भी लगाए गये हैं। हम आपको याद दिला दें कि चारा घोटाले के इस तीसरे मामले में अदालत में बहस 10 जनवरी को ही मुकम्मल हो गई थी। जिसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। चारा घोटला मामले में बुधवार को होने वाली सुनवाई में लालू प्रसाद यादव के अलावा कुल 56 आरोपियों में से 50 लोगों को दोषी क़रार दिया गया था। जबकि 6 को बेक़सूर बताया गया था।
हम आपको याद दिला दें कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाला मामले में देवघर के कोषागार से जुड़े एक मामले में साढ़े तीन साल की सज़ा युनाए जाने के बाद से ही रांची की बिरसा मुंडा जेल में क़ैद हैं। अदालत में सुनवाई में दौरान दूसरे आरोपी जगन्नाथ मिश्र पत्नी की मौत होने की वजह से अदालत में नहीं आ पाए। दरअसल चाईबासा के कोषागार से साल 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्रों की मदद से 33 करोड़ 67 लाख रुपए अवैध रूप से निकाले गये थे। जिसको लेकर 1996 में मामला दर्ज किया गया था, जिसमें लालू और जगन्नाथ मिश्र समेत 76 लोगों को आरोपी बनाया गया था। सुनवाई के दौरान 14 आरोपियों की मौत हो चुकी थी और दो आरोपियों में से सुशील कुमार झा और प्रमोद कुमार जायसवाल ने जुर्म क़बूल कर लिया था, और तीन लोगों दीपेश चांडक, आर.के दास और शैलेश प्रसाद सिंह सरकारी गवाह बन गये थे।
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