लखनऊ (15 मार्च 2018)- किसानों की बदहाली को लेकर भारतीय किसान यूनियन ने सरकार को जगाने की कोशिश की है। किसानों की मांगो को लेकर भारतीय किसान यूनियन भानु गुट ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश गन्ना संस्थान पर धरना प्रदर्शन किया। बीकेयू ने सरकार को दिये अपने ज्ञापन में कहा है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और सरकार की गलत नीतियो के कारण किसानों श्रमिको व ग्रामीणों की हालत दिनों-दिन दयनीय होती जा रही है। भारतीय किसान यूनियन भानू की कुशीनगर जिला ईकाई ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को सौंपे अपने मांग पत्र में मांग की है कि कृषि आयोग का गठन करके उसमें किसानो को रखा जाए और किसानों को अपना दाम तय करने का अधिकार दिया जाए। यूनियन ने कहा है कि सरकार की गलत नीतियों के कारण देश का किसान कर्जदार हो गया है और उसकी क्रय शक्ति दिनों-दिन घटती जा रही है, ऐसे में सभी किसानों के कर्जे माफ किये जाएं। इसके अलावा यूनियन ने याद दिलाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 मार्च 2015 की घोषणा में कहा था कि 60 वर्ष पूरा कर चुके सभी श्रेणी के किसानों को 5000 रूपये प्रतिमाह के दर से पेंशन भत्ता दिया जाए।
साथ ही गन्ना किसानों का करोड़ों रूपया बकाया कप्तानगंज पडरौना चीनी मीलों के ऊपर है, उसे तत्काल गन्ना किसानों में बटवाया जाए। यूनियन ने कहा है कि कुशीनगर जनपद की पांच चीनी मिलों में लक्ष्मीगंज, रामकोला, खेतान, छितौनी बंद है, उन्हे तत्काल चलवाने के लिए केन्द्र एवं प्रदेश सरकार पहल करे। यूनियन ने याद दिलाया कि भारतीय जनता पार्टी चुनावी समय में घोषणा की थी, कि उत्तर प्रदेश में हमारी सरकार बनेगी तो कुशीनगर में जो भी चीनी मीले बंद है उसे हम चलवायेगें। यूनियन अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि जनपद के कप्तानगंज में एक फैक्ट्री लगवाई जाए ताकि जनपद के बेरोजगार नौजवानों को रोजगार मिल सके। इसके अलावा कुशीनगर जिले के ग्राम देवरिया बाबू तहसील कप्तानगंज के कोटे श्रीमती माधुरी देवी के द्वारा पिछले साल अगस्त 2016 में गरीबों का 45 क्विंटल राशन बेच दिया गया जिसकी शिकायत पिछली सरकार से एवं आप से भी की गई मगर उक्त कोटेदार के ऊपर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई। भारतीय किसान यूनियन भानू इकाई के कुशीनगर जिलाध्यक्ष रामचंद्र सिंह ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगो का समाधान नहीं किया गया तो उग्र आन्दोलन किया जाएगा।