Breaking News

ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने बनाई डेक्सामैथासोन दवा, एक्सपर्ट्स बोले- यह हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए घातक, पर गंभीर पेशेंट्स के लिए फायदेमंद



रॉनी कैरिन रेबिन. बीते हफ्ते ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने कोविड 19 के खिलाफ जंग में सफलता की घोषणा की थी। उन्होंने दावा किया था कि कोविड 19 के मरीजों के बीच मौतों को कम करने की पहली दवा मिल गई है। इस खोज के रिजल्ट को न्यूज के जरिए रिलीज किया गया। अब यह पूरी स्टडी कहीं प्रकाशित होने के पहले और बिना समीक्षा के ऑनलाइन पोस्ट की जा चुकी है। डाटा के मुताबिक, डेक्सामैथासोन कोरोना से संक्रमितगंभीर मरीजों कीमदद करता है, लेकिन यह मामूली बीमार मरीजों के लिए घातक भी है।

डब्ल्युएचओ ने भी प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए कहा

  • साल्ट लेक सिटी स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ उटाह स्कूल ऑफ मेडिसिन में पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर सैमुअल ब्राउन ने कहा कि यह ड्रगकुछ मरीजों को नुकसान पहुंचा सकता है और हम अभी तक पूरी तरह पक्का नहीं कर पाए हैं कि यह मरीज कौन हैं।
  • कुछ अमेरिकी अस्पतालों के अधिकारियों ने कहा कि वे डेक्सामैथासोन से कोरोनावायरस मरीजों के इलाज की शुरुआत करेंगे। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने भी दवा केनिर्माण में तेजी लाने की बात कही थी। ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने इस दवा के एक्सपोर्ट को सीमित करने का फैसला किया है। इस ड्रग का क्लीनिकल ट्रायल ब्रिटेन में 6425 लोगों पर किया गया। पहले ग्रुप में शामिल मरीजों को दवा का बहुत हल्का डोज 10 दिनों तक दिया गया।

जिन मरीजों को ऑक्सीजन मिली वहां घटे मौत के आंकड़े
डेक्सामैथासोन उन लोगों के लिए फायदेमंद थी जो लोग एक हफ्ते से ज्यादा वक्त से बीमार थे। इस दवा ने मौत के आंकड़ों को एक तिहाई तक उन मरीजों में कम किया जो मैकेनिकल वेंटिलेटर्स पर थे। जबकि कुछ मरीज जो दूसरे तरीकों से सप्लीमेंटल ऑक्सीजन प्राप्त कर रहे थे, उनमें भी कुछ मौतें कम हुईं।

दवा प्राप्त करने वाले मरीज जिन्हें रेस्पिरेटरीसपोर्ट नहीं मिल रहा था, उनकी दूसरे मरीजों की तुलना में मृत्यु दर ज्यादा थी। स्टडी के सीनियर लेखक और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मेडिसिन और एपिडेमियोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर मार्टिन जे लैंड्रे के मुताबिक, बीमारी की बायोलॉजी को देखते हुएदवा का बीमारी के अलग-अलग लेवल पर प्रभाव असमान हो सकते हैं।

गंभीर रूप से बीमार मरीजों में इम्यून सिस्टम ओवरड्राइव मोड में चला जाता है। इसके बाद यह कथित साइटकीन तूफान को बढ़ाता है, जो फेफड़ों के साथ-साथ शरीर को नुकसान पहुंचाता है।

इसके उपयोग को लेकर डॉक्टर चिंतित
डॉक्टर लैंड्रे के मुताबिक, डॉक्टर्स कोविड 19 के खिलाफ डेक्सामैथासोन जैसे स्टेरॉयड के उपयोग को लेकर चिंतित हैं। क्योंकि स्टेरॉयड्स एंडी इंफ्लेमेट्री ड्रग होते हैं, जो शरीर के प्रोटेक्टिव इम्यून सिस्टम को कमजोर करते हैं। इसके अलावा मामूली बीमार मरीजों में ये फायदे से ज्यादा नुकसान करते हैं।

दो चरणों में काम करता है इम्यून सिस्टम
लैंड्रे कहते हैं किबीमारी के शुरुआती चरण में इम्यून सिस्टम आपका दोस्त होता है। यह वायरस से लड़ता है और इसे कमजोर करना सही नहीं है। इसके बाद वाले चरण में इम्यून सिस्टम आपका दोस्त नहीं रह जाता, क्योंकि यह आपके लंग्स फेल करने के लिए जिम्मेदार है। ऐसे में स्टेरॉयड की मदद से इसे कमजोर करना स्थिति को बेहतर कर सकता है और जिंदा रहने की संभावना बढ़ा सकता है।

एक्सपर्ट्स भी डेक्सामैथासोन केखिलाफ

  • एक्सपर्ट्स के मुताबिक, स्टडी बताती है डेक्सामैथासोन मामूली बीमारी के इलाज या इससे बचने के लिए उपयोग नहीं की जानी चाहिए। डॉक्टर ब्राउन कहते हैं कि कोविड 19 के बाहरी इलाज के रूप में डेक्सामैथासोन लेना हानिकारक होगा।
  • कुछ वैज्ञानिक ट्रायल रिजल्ट्स को दूसरी स्टडी में भी देखना चाहते हैं। यह याद रखें कि पेपर में की सवालों के पूरी तरह जवाब नहीं दिए गए हैं। जिसमें लंबे वक्त के परिणाम और न्यूरोलॉजिकल नुकसान की जानकारी शामिल है।
  • ब्रमिंघमएंड वुमन्स हॉस्पिटल में इमरजेंसी रूम फिजीशियन डॉक्टर जेरेमी फॉस्ट कहते हैं कि अगर इस तरह से मरीजों का कुछ वर्ग ठीक होता है तो यह संतोषजनक है और इसका स्वागत है। यह एक जीत है।

आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें


डेक्सामैथासोन स्टेरॉयड सस्ता है और आसानी से उपलब्ध है, लेकिन एक्सपर्ट्स ने मामूली बीमार मरीजों को इसका उपयोग न करने की सलाह दे रहे हैं।

About The Author

Originally published on www.bhaskar.com

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *