देश की राजधानी मेंकोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और केंद्र सरकार के बीच टकराव भी तेज हो रहा है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के उस फैसले को वापस लेने की मांग की है, जिसमें दिल्ली में संक्रमितों को क्लीनिकल असेसमेंट के लिए कोविड-19 सेंटर जाना अनिवार्य किया है।
केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र सरकार केइस फैसले से कोरोना मरीजों की मुसीबतें बढ़ेंगी। अगर मरीजों को लाकरजबरनकोविड सेंटर में रखेंगे तो यह उनके लिए 15 दिन हिरासत में रखने जैसा होगा।
तेज बुखार वाले संक्रमित को लाइन में लगना पड़ेगा
मुख्यमंत्री ने कहा, ”दिल्ली सरकार, केंद्र और अन्य संगठन एक दूसरे के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। केंद्र से आदेश वापस लेने की अपील करता हूं। इस फैसले से व्यवस्था खराब होगी। इसमें अगर किसी संक्रमित को 103 डिग्री बुखार है तो उसे भी असेसमेंट के लिएसरकारी केंद्रों पर लंबी लाइनमें लगना पड़ेगा।”
असेसमेंट के बाद तय होगा कि मरीज होम क्वारैंटाइन में रहेगा या अस्पताल में
क्लीनिकल असेसमेंट में मरीज की जांच होगी कि क्या वह होम क्वारैंटाइन में रह लेगा। उसे अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत तो नहीं है? डॉक्टर जांच के बाद फैसला लेंगे। दिल्ली में बुधवार को कोविड-19 के 3,788 नए मामले सामने आए। शहर में अभी तक संक्रमित लोगों की संख्या 70 हजार के पार हो गई है। यहां अब तक 2,365 लोगों की मौत हो चुकी है।
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