नई दिल्ली (11 फरवरी 2018)- महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकार कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहती है। सरकार की मंशा है कि महिलाओं की सुरक्षा को न सिर्फ मज़बूत किया जाए बल्कि उनकी शिकायतों को भी तुरंत सुना और उनका निवारण किया जाए। इसी को लेकर सरकार अब आधूनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए एक पोर्टल बनाने जा रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि सरकार ने महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध रिपोर्ट करने के लिए एक साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हम महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ अपराध रोकने के लिए एक समर्पित साइबर अपराध प्रयोगशाला की स्थापना भी करेंगे। राजनाथ सिंह शनिवार को अहमदाबाद में 24वीं अखिल भारतीय फोरेंसिक साईंस सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आधुनिक समय में हम अपनी साइबर फोरेंसिक क्षमताओं में बढोतरी करने की आवश्यकता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि साइबरस्पेस ने नए आयाम जोड़े हैं और नई जटिलताएं पैदा की हैं। उन्होंने कहा कि पारंपरिक नीति निर्माण साइबरस्पेस में अपराध को नियंत्रित करने के लिए र्प्याप्त नहीं है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि फोरेंसिक साईंस साइबरस्पेस में बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। साइबर फोरेंसिक विशेषज्ञों ने हमारे युवाओं को कट्टरपंथी होने से रोकने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कई देशों ने सफलतापूर्वक अपराध के खिलाफ अपनी लड़ाई में फोरेंसिक डीएनए डाटाबेस का उपयोग किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपराध नियंत्रण के लिए एक वृहद अवसंरचना का निर्माण करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने विश्वविद्यालयों से फोरेंसिक पर एक समान सिलेबस का निर्माण करने की अपील की तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में कार्य करने को कहा। उन्होंने कहा कि पता लगाना अपराध नियंत्रण के लिए आवश्यक है। फोरेंसिक विशेषज्ञ पता लगाने, जांच करने एवं अपराधियों की पहचान करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। इस मौक़े पर केंद्रीय गृह मंत्री ने एक स्मारिका का विमोचन किया एवं फोरेंसिक विशेषज्ञों को प्रमाणपत्र भी वितरित किए।
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