कोरोनावायरस महामारी से लड़ाई में उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में किसान परिवार ने मानवता की मिसाल पेश की है। किसान बेटों ने अपने पिता की तेरहवीं संस्कार को महज औपचारिकता में संपन्न कराया और एक लाख रुपए मुख्यमंत्री कोविड केयर फंड में दान कर दिया। परिवार ने लोगों से अपील भी की कि, लोग कार्यक्रमों पर खर्च करने वाले रुपए देश व मानवता हित में दान करें। जिससे कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए सरकार मजबूती से काम कर सके।
हिंदू धर्म में किसी भी व्यक्ति की मौत के बाद ब्रह्मभोज यानी तेरहवीं संस्कार किया जाता है। लेकिन इन दिनों देश कोरोना वायरस की जद में है और हर कोई कोरोना वायरस की रोकथाम और बचाव को लेकर बड़े कदम उठा रहा है। भदोही जनपद के कठौता गांव के निवासी रमेश चंद्र मिश्र के पिता रामकृष्ण मिश्र का निधन हो गया था। पिता के निधन के बाद रमेश चंद्र मिश्र ने अपने पूरे परिवार के साथ बैठक कर सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के मद्देनजर और लोगों के मदद के लिए अपने पिता का तेरहवीं संस्कार न करना उचित समझा। तेरहवीं संस्कार के कार्यक्रम को स्थगित करते हुए जो रुपए तेरहवीं संस्कार के कार्यक्रम में लगने थे, उनको उन्होंने कोरोना वायरस की रोकथाम और बचाव को लेकर मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष में दान कर दिया। रमेश चंद्र मिश्र ने एक लाख रुपया का चेक जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद को सौंप दिया है।
किसान रमेश चंद्र मिश्र ने इस बाबत जिलाधिकारी को फोन कर एक लाख रूपए दान देने की जानकारी दी थी, जिसे लेने के लिए जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक किसान के घर खुद पहुंचे और उन्होंने वहां किसान से चेक लिया है। जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद और पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने किसान के इस कदम को जमकर सराहा है। रमेश चंद मिश्रा ने लोगों से अपील की है कि वह लोग जो जन्मदिन, मुंडन संस्कार या शादी समारोह में लाखों रुपए खर्च करते हैं, वे लोग देश और मानवहित में दान करें। जिससे सरकार कोरोना वायरस की रोकधाम और बचाव के लिए और मजबूती से काम करे।