उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में लॉकडाउन के बीच पुलिसकर्मी ने कुछ ऐसा किया कि, इससे समूची खाकी बिरादरी का सिर गर्व से ऊंचा उठ गया है। दरअसल, चाय की दुकान चलाने वाले एक शख्स की मौत होने के बाद जब अपनों ने अंतिम संस्कार के लिए आने से इंकार कर दिया तो निगोही थाने के इंस्पेक्टर ने अपने हाथों से शव को मुखाग्नि दी। उन्होंने बुजुर्ग के शव का विधि विधान से अंतिम संस्कार कराया। थानेदार के इस मानवीय कृत्य की लोग प्रशंसा कर रहे हैं।
बीमारी से हुई थी बुजुर्ग की मौत
थाना निगोही के पास एक बुजुर्ग बहादुर कई सालों से चाय का होटल चलाता था। बीमार होने की वजह से गुरुवार शाम उसकी मौत हो गई। लॉकडाउन की बंदिशों के चलते पीलीभीत में रहने वाले उसके परिजनों ने यहां आने से इंकार कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार कराने का फैसला किया। पुलिस ने बहादुर की बाकायदा अर्थी बनाई और उसे श्मशान घाट तक पहुंचाया।
मानवीय व्यवहार की लोग कर रहे प्रशंसा
इतना ही नहीं निगोही थाने के इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह भदौरिया ने अपने हाथों से चिता को मुखाग्नि दी। पुलिस का यह मानवीय चेहरा देखकर यहां के स्थानीय लोग पुलिस के व्यवहार की प्रशंसा कर रहे हैं। वहीं उनके अफसर भी अपने पुलिसकर्मियों के सामाजिक कार्यों की सराहना कर रहे हैं। सीओ सदर परमानंद पांडेय का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने अच्छा कार्य किया है। इस कार्य से पुलिस की छवी लोगों के बीच अच्छी बनेगी।