मेरठ. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में लॉकडाउन के ऐलान के बाद एक मकान मालिक ने अपने किराएदार को घर से बाहर कर दिया। मजबूर होकर एक शख्स को अपनी आठ माह की गर्भवती पत्नी को लेकर पैदल ही अपने गांव बुलंदशहर के लिए निकलना पड़ा। कारण जब मकान मालिक ने बेघर किया तो युवक के पास न तो पैसे थे न न ही खाने का कोई इंतजाम था। करीब 100 किमी. का सफर तय करने के बाद मेरठ में कुछ लोग मिले, जिन्होंने मदद की और वाहन का इंतजाम कर बुलंदशहर के लिए रवाना किया।
यह मामला बीते शनिवार का है। मेरठ में नवीन कुमार और रवींद्र ने शनिवार को सोहराब गेट बस अड्डे पर पहुंचे वकील व उनकी गर्भवती पत्नी यासमीन को देखा तो उन्होंने मदद के कदम बढ़ाए और नौचंदी पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर प्रेमपाल सिंह को सूचित किया।
नौचंदी पुलिस स्टेशन के प्रभारी आशुतोष कुमार ने कहा कि दरोगा प्रेमपाल सिंह और स्थानीय लोगों ने दंपती को कुछ खाने और कुछ नगद राशि देने के अलावा एम्बुलेंस से उन्हें उनके गांव अमरगढ़ बुलंदशहर के सिवाना में छोड़ने की व्यवस्था की। प्रभारी ने बताया कि, वकील एक कारखाने में कार्यरत था और उसने दो दिनों में अपनी पत्नी के साथ 100 किमी की दूरी तय की।
यासमीन ने पुलिस को बताया कि वे एक कमरे में रहते थे, जिसे मकान मालिक ने खाली करा लिया था। गांव जाने के लिए मकान मालिक से कुछ पैसे मांगे तो उसने देने से इंकार कर दिया। अब हमारे पास पैदल सफर तय करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। गुरुवार को हम सहारनपुर से घर के लिए रवाना हुए थे।