
गाजियाबाद (8 जून 2020)- गाजियाबाद में आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए एटलस के बाद सोमवार सेसाहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र की 48 साल पुरानी ऑटो गियर फैक्ट्री अस्थाई तौर पर बंद कर दी गई है। प्रबन्धको ने लेऑफ’ का नोटिस चस्पा दिया । इस फैक्ट्री के तीन सौ से ज्यादा मजदूर बेरोजगार हो गए हैं।
ऑटो गियर फैक्ट्री 1972 में स्थापित हुई थी। इस फैक्ट्री प्रबंधन ने भी आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए फैक्ट्री को अस्थायी बन्द करने का निर्णय लिया है। फैक्ट्री के मजदूर तीन महीने से इंतजार कर रहे थे कि लॉकडाउन खुलेगा, उन्हें राहत मिलेगी और फैक्ट्री जाएंगे। सोमवार को जैसे ही मजदूर फैक्ट्री में दोबारा से काम करने पहुंचे तो यह बुरी खबर आ गई।
हालांकि कुछ मजदूरों का यह भी कहना है कि वो पहले से फैक्ट्री आ रहे थे और शनिवार को भी आए थे। रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को अब यह बुरी खबर मिल गई।
वहीं मजदूर यूनियन के प्रेसिडेंट ईश्वर चंद त्यागी का कहना है कि श्रम आयुक्त से गुहार लगाई है। डीएम को भी मामले की शिकायत दे रहे हैं। इस तरह से लगातार फैक्ट्रियों की बंदी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, क्योंकि इससे पहले एटलस फैक्ट्री को भी इसी तरह से बंद कर दिया गया था और कर्मचारियों को आधी सैलरी पर गुजारा करने के लिए कह दिया गया।
दूसरी ओर एटलस साइकिल फैक्ट्री बंद होने से हजारों मजदूरों के बेरोजगार जाने से नाराज समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गेट पर प्रदर्शन किया। सपा के जिलाध्यक्ष राशिद मलिक के निर्देश पर सपा नेता आदिल मालिक, रोहिल, वीरेन्द्र यादव, संतोष यादव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने साइकिल लेकर फैक्ट्री के मुख्य गेट पर प्रदर्शन किया और कहा कि एक ओर जब देश कोरोना संक्रमण की महामारी से जूझ रहा है तो वहीं देश में बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। कम्पनी ने साहिबाबाद के अपने अंतिम प्लांट को बंद कर सैंकड़ों कामगारों को बेरोजगार कर दिया है। जिलाध्यक्ष राशिद मलिक ने केन्द्र व प्रदेश सरकार से बीस लाख करोड़ में से मदद देने की मांग की है।