लद्दाख की गालवन घाटी में सोमवार रात को भारत और चीन के सैनिकों में हिंसक झड़प हुई थी। इसमें हमारे एक कर्नल और दो जवान शहीद हो गए। इनमें से एक शहीद कर्नल संतोष बाबू 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे। उनके साथ झारखंड के कुंदन ओझा और हवलदार पलानी भी शहीद हुए। कर्नल संतोष पिछले 18 महीने से लद्दाख में भारतीय सीमा की सुरक्षा में तैनात थे।
सेना के सूत्रों के मुताबिक, लद्दाख मेंपेट्रोलिंग प्वाइंट 14 पर कर्नल संतोष और दो जवानों के साथचीन के सैनिकों की झड़प हुई थी।
शहीद संतोष बाबू तेलंगाना के सूर्यापेट के रहने वाले थे। अब उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं। उनके पिता फिजिकल एजुकेशन टीचर हैं। शहीद कर्नल संतोष बाबू हैदराबाद के सैनिक स्कूल से एनडीए के लिए चुने गए थे।
45 साल पहले चीन बॉर्डर पर भारत के जवान शहीद हुए थे
20 अक्टूबर 1975 को अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में असम राइफल की पैट्रोलिंग पार्टी पर एम्बुश लगाकर हमला किया था। इसमें भारत के 4 जवान शहीद हुए थे।
मई से तनाव, जून में चार बार बातचीत हुई, फिर भी हिंसा भड़की
भारत-चीन के बीच 41 दिन से सीमा पर तनाव है। इसकी शुरुआत 5 मई से हुई थी। इसके बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच जून में ही चार बार बातचीत हो चुकी है।
बातचीत में दोनों देशों की सेनाओं के बीच रजामंदी बनी थी कि बॉर्डर पर तनाव कम किया जाए या डी-एक्स्केलेशन किया जाए। डी-एक्स्केलेशन के तहत दोनों देशों की सेनाएं विवाद वाले इलाकों से पीछे हट रही थीं।
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