Breaking News

स्वच्छ भारत मिशन दुनियां का सबसे बड़ा जन आंदोलन!

Secretary, Ministry of Drinking Water and Sanitation Parameswaran Iyer
Secretary, Ministry of Drinking Water and Sanitation Parameswaran Iyer

नई दिल्ली (25 जनवरी 2018)- स्वच्छ भारत मिशन लोगों के व्यवहार अथवा नजरिए में बदलाव लाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। ग्रामीण समुदायों को एकजुट कर स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) सही अर्थों में एक जन आंदोलन में तब्दील हो गया है। इस दिशा में हुई प्रगति के अद्यतन आंकड़ों को आज राजधानी में साझा किया गया, जिसके अनुसार इस मिशन के तहत ग्रामीण भारत में 6 करोड़ से भी ज्यादा शौचालयों का निर्माण किया गया है। वर्ष 2017 में भारतीय गुणवत्ता परिषद और वर्ष 2016 में राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन द्वारा किए गए दो स्वतंत्र सर्वेक्षणों से इन शौचालयों का क्रमशः 91 प्रतिशत तथा 95 प्रतिशत उपयोग किए जाने से संबंधित उत्साहवर्धक तथ्य उभर कर सामने आए हैं। इसके परिणामस्वरूप 10 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों यथा सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, केरल, हरियाणा, उत्तराखंड, गुजरात, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, चंडीगढ़ और दमन एवं दीव के 3 लाख से भी अधिक गांवों और 300 जिलों को खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया गया है।
इस दिशा में अब तक हुई प्रगति के आंकड़ों को आज पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय में सचिव परमेश्वरन अय्यर द्वारा आज नई दिल्ली में मीडिया को तकनीकी जानकारी देने के दौरान साझा किया गया। श्री अय्यर ने इसे ‘ग्रामीण भारत में स्वच्छता क्रांति’ की संज्ञा प्रदान करते हुए कहा कि मार्च, 2018 तक 15 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को ‘ओडीएफ’ घोषित किए जाने की आशा है। उन्होंने कहा कि इस दिशा में हुई तेज प्रगति को देखते हुए अक्टूबर, 2019 तक इस मिशन के तहत ‘ओडीएफ भारत’ का लक्ष्य प्राप्त कर लेने के प्रबल आसार नजर आ रहे हैं। उन्होंने इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा कराए गए कुछ अध्ययनों को भी साझा किया, जिनमें ग्रामीण परिवार पर स्वच्छता के स्वास्थ्य एवं आर्थिक असर का आकलन किया गया है। यूनिसेफ ने अनुमान व्यक्त किया है कि स्वच्छता का अभाव हर साल भारत में 1,00,000 से भी अधिक बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार है। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा कराए गए एक अध्ययन में यह अनुमान व्यक्त किया गया है कि भारत के ओडीएफ गांवों में रहने वाले परिवारों के स्वास्थ्य संकेतक तुलनात्मक दृष्टि से अत्यंत बेहतर पाए गए हैं।
यूनिसेफ द्वारा कराए गए एक अन्य अध्ययन में यह अनुमान व्यक्त किया गया है कि भारत के किसी भी ओडीएफ गांव का हर परिवार प्रत्येक साल 50,000 रुपये की बचत करने में सफल हो जाता है क्योंकि वह बीमारी के इलाज में होने वाले खर्चों से बच जाता है और इसके साथ ही ऐसे परिवारों के सदस्यों के बीमार न पड़ने से आजीविका की बचत भी होती है, इत्यादि। विश्‍व बैंक द्वारा व्‍यापक स्‍तर पर कराए गए एक अध्‍ययन से पता चला है कि स्‍वच्‍छता के अभाव के कारण भारत को अपने सकल घरेलू उत्‍पाद (जीडीपी) के 6 प्रतिशत से भी अधिक का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
श्री अय्यर ने घोषणा की कि पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय जल्‍द ही दोहरे गड्ढों वाले शौचालयों के निर्माण को प्रोत्‍साहित करने के लिए एक जन मीडिया अभियान लांच करेगा। दोहरे गड्ढों वाला शौचालय दरअसल एक ऐसा विशेष मॉडल है, जो किफायती, सुरक्षित, साफ-सफाई की दृष्टि से सुविधाजनक एवं पर्यावरण अनुकूल है। इसके साथ ही इसमें एक मल-जल शोधन संयंत्र स्‍वत: ढंग से अंतर्निहित होता है, जिसकी बदौलत शौचालय के नीचे अवस्थित भूजल दूषित नहीं होता है।
उन्‍होंने ठोस एवं तरल कचरे के मुद्दे का उल्‍लेख करते हुए कहा कि स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत इस मसले पर जिस तरह से गौर किया जा रहा है, उसके फलस्‍वरूप इस दिशा में उल्‍ले‍खनीय बदलाव आना तय है। श्री अय्यर ने कहा कि स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत इस पर ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन के बजाय ठोस एवं तरल संसाधन प्रबंधन के रूप में गौर किया जा रहा है, क्‍योंकि कचरा एक ऐसा संसाधन है, जिसका दोहन किया जा सकता है और जिसे संपदा एवं ऊर्जा में तब्‍दील किया जा सकता है।
श्री अय्यर ने ग्रामीण भारत में पेयजल से जुड़े मुद्दे का उल्‍लेख करते हुए कहा कि राष्‍ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम में सुधार के लिए अनेक पहल की गई हैं। उन्‍होंने इस कार्यक्रम के क्रियान्‍वयन की गति एवं गुणवत्‍ता बेहतर करने के लिए उठाये गये अनेक कदमों, विशेषकर आर्सेनिक और फ्लोराइड से प्रभावित बस्तियों को लक्षित किये जाने का उल्‍लेख किया।
श्री अय्यर ने इस क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं, बच्‍चों, दिव्‍यांगजनों एवं वरिष्‍ठ नागरिकों सहित स्‍वच्‍छ भारत के उन महारथियों से जुड़ी कुछ गाथाएं भी साझा कीं, जिन्‍होंने स्‍वच्‍छता के प्रति अपने समर्पण के जरिये स्‍वच्‍छता मिशन में उल्‍लेखनीय योगदान दिया है। इन महारथियों ने स्‍वच्‍छ भारत को सही अर्थों में एक जन आंदोलन में तब्‍दील करने के लिए अपने कर्तव्‍य से कहीं आगे बढ़कर इस मिशन में बहुमूल्‍य योगदान दिया है।

About The Author

आज़ाद ख़ालिद टीवी जर्नलिस्ट हैं, सहारा समय, इंडिया टीवी, वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज़ सहित कई नेश्नल न्यूज़ चैनलों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। Read more

Related posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *