नई दिल्ली (14 नजवरी 2018)- देश के लोकतंत्र और सुप्रीम कोर्ट के काम-काज पर सवाल उठने का धुंआ अभी साफ भी न हुआ था कि सीबीआई जज बीएच लोया की मौत मामले में एक और मोड़ आ गया है। रविवार को सीबीआई के जज बीएच लोया के बेटे अनुज लोया ने एक प्रेस कॉंफ्रेंस की और कहा कि उनके पिता की मौत संदिग्ध नहीं थी। अनुज लोया का कहना है कि पिता की मौत हार्ट अटैक से हुई थी।
बीएच लोया के बेटे अनुज लोया ने कहा कि हम पहले से ही बेहद दुखी हैं और पिछले कुछ दिनों से मेरे परिवार को परेशान किया जा रहा है। अनुज लोया ने कहा कि हाल के कुछ दिनों से ये परेशानी और बढ़ गई है। अुज ने कहा कि कृपया हमें परेशान न किया जाए। साथ ही अनुज लोया ने मीडिया के सामने कहा कि जिस वक़्त मेरे पिता जी की मौत हुई थी, तब मैं 17 साल का था। वो वक़्त पूरे परिवार के लिए बेहद तकलीफ वाला था। अनुज लोया ने कहा कि मेरे पिता की मौत संदिग्ध नहीं थी, क्योंकि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई थी। इस मामले की जांच कराने का फैसला हम नहीं लंगे, क्योंकि हमें किसी पर शक नहीं है। प्रेस कॉंफ्रेंस के दौरान अनुज के साथ बैठे उनके परिवार के वकील अमित नाइक ने कहा कि जज लोया की मौत पर राजनीति नहीं होनी चाहिए और इस पर कोई विवाद न करे।
हम आपको याद दिला दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने भी इस मामले की चर्चा की थी। जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने जज लोया की मौत पर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस मुद्दे पर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के जजों ने जो सवाल उठाए हैं, वो बेहद ज़रूरी हैं। राहुल गांधी ने कहा था कि इनको ध्यान से देखकर मामले को सुलझाया जाना चाहिए। क्योंकि जजों ने सीबीआई जज लोया की मौत का मामला उठाया है। इतना ही नहीं जज लोया की मौत के मामले पर शिवसेना के मुखिया उद्धव ठाकरे ने भी कहा था कि सीबीआई जज लोया की मौत के मामले में जांच होनी चाहिए। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले के जज लोया की मौत पर उद्धव ने कहा कि अगर कुछ गलत नहीं है तो किसी को भी जांच से क्या दिक्कत हो सकती है। इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी जज लोया की मौत को गंभीर मुद्दा माना है।
लेकिन लोया के बेटे अनुज लोया द्वारा दिये गये बयान के बाद भले लोया की मौत का मामला शांत होता दिख रहा हो लेकिन इस मामले पर कुछ संघठन और सियासी नेता शांत बैठने को तैयार नहीं है। हम आपको याद दिला दें कि सोहराबुद्दीन एंकाउंटर मामले जैसे गंभीर मामले से जुड़े जस्टिस लोया की 1 दिसंबर, 2014 को दिल का दौरा पड़ने से नागपुर में मौत होना बताई गई थी। लेकिन उनकी मौत को लेकर कई गंभीर सवाल भी उठ रहे हैं।