ghaziabad crime गाजियाबाद(12 दिसंबर2024) फर्जी दस्तावेज तैयार कर नाम व पता बदलकर कारोबारी की करोड़ों की जमीन पर कब्जा करने वाले गैंगस्टर को थाना साहिबाबाद पुलिस ने गिरफ़्तार किया है।
डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष दशरथ पाटिल ने गुरुवार को यहां बताया कि 19सितंबर को थाना साहिबाबाद पर धोखाधड़ी कर ग्राम अर्थला में भूमि के फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह के खिलाफ़ गैगस्टर एक्ट के तहत अभियोग रजिस्टर कराया गया था । तभी से आरोपी राजकुमार गर्ग निवासी अबूपुरा मोहल्ला थाना कोतवाली शहर मुजफ्फरनगर वर्तमान निवासी किराये का गुर्जरों के मंदिर के पास पार्क के सामने माधवपुरम मेरठ को नामजद किया गया था। उसके खिलाफ़ गैंगस्टर के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने उसे आज गिरफ्तार कर लिया।
उसने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वह लगभग 18 साल की उम्र में गाजियाबाद आ गया था यहाँ पर किराये के मकानों में रहकर छोटा मोटा प्रोपर्टी डीलिंग का काम करता था । वर्ष 2017-18 में इसको जानकारी मिली कि ग्राम अर्थला मैट्रो स्टेशन के पास करोडों रूपये की खाली जमीन पड़ी हुई है, यह जमीन किसी राजकुमार अग्रवाल संयुक्त हिन्दु परिवार (एचयूएफ द्वारा राजकुमार अग्रवाल पुत्र गोपालदास निवासी 149 जीटी0ल रोड साहिबाबाद गाजियाबाद के नाम रजिस्टर्ड है, राजकुमार अग्रवाल यहाँ नही रहते थे, इसलिए राजकुमार गर्ग ने भूमि पर कब्जा करने की नियत से अपने आधार कार्ड, वोटर कार्ड, में अपना नाम राजकुमार गर्ग की जगह पर राजकुमार अग्रवाल और पिता का नाम सूरजमल गर्ग की जगह पर गोपालदास अग्रवाल दर्ज कराया ।।उसके बाद उसने फिर इस जमीन के फर्जी कागजात तैयार कराये । राजकुमार गर्ग ने बताया कि जब उसको जानकारी मिली कि अर्थला मेट्रो स्टेशन के पास करोड़ो रुपये की खाली पड़ी जमीन के स्वामी राजकुमार अग्रवाल पुत्र गोपालदास अग्रवाल निवासी 149 जी.टी. रोड़ साहिबाबाद गाजियाबाद यहां नही रहते हैं, तो इसने सबसे पहले खाली पड़ी जमीन पर कब्जा करने के नियत से अपनी पुरानी पहचान को मिटाने के लिये अपने पुराना आधार कार्ड, वोटर कार्ड से अपना नाम राजकुमार गर्ग के स्थान पर राजकुमार अग्रवाल तथा पिता का नाम सूरजमल गर्ग के स्थान पर गोपालदास अग्रवाल दर्ज कराया, इसके बाद अपने पुराने बैंक खाते को बन्द कराते हुये नये नाम/पहचान से बैंको में नये खाते खुलवाये इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दलालों के साथ मिलकप राजकुमार गर्ग नये ग्राहकों को ढूढंता था और इनको अपनी सम्पत्ति दर्शाते हुए फर्जी डीड तैयार कर टोकन मनी पकड़ लेता था और गायब हो जाता था, इसके बाद फिर से नये ग्राहकों की तलाश करता था ।
पाटिल ने बताया कि अब तक 7 बार इन फर्जी दस्तावेजों के आधार धोखाधड़ी की घटनायें संज्ञान में आयीं हैं । इसने रविन्द्र सिंह पनिवासी मण्डोली दिल्ली के साथ इसी प्रकार धोखाधड़ी की, इसके अलावा दिलीप सिंह प निवासी शाहदरा दिल्ली के साथ भी ऐसी धोखाधड़ी का प्रयास किया । इस बारे में और अधिक गहनता से जाँच की जा रही है ।