ग़ाज़ियाबाद (14 नवंबर 2019)- उत्तर प्रदेश पुलिस के दामन पर रिश्वतखोरी का दाग़ तो था ही लेकिन अब कुछ पुलिस वालों की मुफ्तखोरी भी परेशानी की वजह बनती जा रही है। हालात ये हुए कि गाजियाबाद के एसएसपी सुधीर कुमार को बाक़ायदा एक फरमान जारी करना पड़ गया। पुलिस कप्तान सुधीर कुमार सिंह ने एक वंबर जारी करते हुए जनता, गा़जियाबाद के व्यापारियों और होटल मालिकों से अपील की है कि मुफ्त की रोटियां तोड़ने, मिठाई या कोई भी सामान मुफ्त लेने वाले पुलिस वालों की सूचना दें। लेकिन इस पर भी खड़े हो रहे हैं कि क्या पुलिस की शिकायत करने की कोई हिम्मत करेगा भी।
बहरहाल एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने अपने विभाग की छवि सुधारने और वर्दी पर दाग़ लगाने वाले पुलिसकर्मियों पर नकेल कसने का मन बना लिया है।
दरअसल पिछले दिनों होटलों से शिकायत आई थी कि पुलिस वाले खाना खाकर चलते बनते हैं और भुगतान मांगने पर भुगतने जैसे शब्द इस्तेमाल करते हैं। यानि पहले रिश्वत और अब खाना और गुर्राने की समस्या। ऐसे में घूसखोरी और मुफ्त का खाना खाने वाले पुलिस कर्मचारियों की वजह से महकमे की बदनामी को क़ाबू करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर बयान वायरल करना पड़ा। जिसमें उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि यदि कोई पुलिसकर्मी किसी भी होटल रेस्टोरेंट या मिठाई की दुकान पर खाना खाकर या सामान लेकर कर भुगतान नहीं करता है तो उसकी शिकायत सीधे नगर पुलिस अधीक्षक को करें । इसके लिए उन्होंने नगर पुलिस अधीक्षक का मोबाइल नंबर-9643322901 भी जारी किया है । बयान में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा है कि यदि किसी व्यापारी का किसी पुलिस वाले पर बिल का बकाया है तो एसपी सिटी के नंबर पर इसकी शिकायत करें बिल का भुगतान कराया जायेगा।
आपको बता दें कि पिछले दिनों अनिल गुप्ता नाम के एक समाजसेवी और व्यापारी ने एक चिठ्ठी सोशल मीडिया पर वायरल की थी, कि उनके यहां कुछ पुलिसकर्मी मुफ्त में खाना खा कर कोई भुगतान नहीं करते हैं। भुगतान मांगने पर उन्हें पुलिसिया रोब दिखाया जाता है और किसी भी फर्जी मामले में फंसाने तक की धमकी देते हैं ।जैसे ही यह पत्र वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में आया तो उन्होंने अपना एक वीडियो व एक प्रेस विज्ञप्ति सोशल मीडिया पर जारी की। जिसमें इस पत्र का संज्ञान लेते हुए लोगों से अपील की गई है यदि कोई गाजियाबाद पुलिस का कर्मचारी इस प्रकार के कृत्य में लिप्त पाया जाता है। उसकी शिकायत सीधी एसपी सिटी के मोबाइल फोन पर करें ताकि उसका भुगतान कराया जा सके और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके ।
पिछले काफी समय से गाजियाबाद पुलिस में घूसखोरीव गबन मुफ्त में खाना खाने मुफ्त में टैक्सी लेकर सैर सपाटा करने खबरें लगातार सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इंदिरापुरम थाने के पूर्व प्रभारी दीपक शर्मा व लिंक रोड की थाना प्रभारी लक्ष्मी चौहान पर रिश्वतखोरी का आरोप लगा था। जिसके चलते गाजियाबाद पुलिस की छवि खराब हो रही है। लेकिन इस सबसे अलग एक सवाल लोगों के मन भी उठ रहा है, कि क्या पुलिस के ख़िलाफ शिकायत करने वाला कमजोर सा व्यापारी सुरक्षित भी रह पाएगा। लोगों का सवाल ये भी है कि अपने ही विभाग के बिगड़ैलों पर नज़र रखने के लिए पुलिसिया नज़र की ही ज़रूरत है न कि जनता का टेलीफोन। हापुड़ चुंगी पर लाईल से कई ढाबों पर रात को पुलिस की पीसीआर खड़ी रहे और वहां जाम जैसी स्थिति बनी रहे तो क्या गाजियाबाद पुलिस के आला अफसर एसएसपी ऑफिस से पुलिस लाइन के बीच आवागमन तो रखते हैं लेकिन शायद नज़र नहीं। ठीक ऐसे ही की और मामले हैं जिन पर बगैर किसी फोन के भी ध्यान रखा जा सकता है।