ALWIDA GREAT BIPIN RAWAT JI
अलविदा भारत के अज़ीम बहादुर सपूत सीडीएस बिपिन रावत जी। देश हमेशा आपको सलाम करेगा, हमेशा याद रखेगा।
नई दिल्ली (8 दिसंबर 2021)- भारत के जाबांज़ सपूत और देश के दुश्मनों की आंख की किरकिरी सीडीएस बिपिन रावत जी हमेशा के लिए अलविदा कह गये। बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए एक भीषण हेलीकॉप्टर हादसे में उत्तराखंड का ही नहीं बल्कि पूरे भारत का यह चमकता सूरज डूब गया। इंडियन एयरफोर्स के MI-17V5 हेलीकॉप्टर का सफर सीडीएस बिपिन रावत के लिए आंख़िरी सफर बन गया, जिसमें सवार सीडीएस (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) बिपिन रावत और उनकी पत्नी श्रीमति मधुलिका रावत हादसे का शिकार हो गये। वायुसेना द्वारा किये गये एक ट्वीट के मुताबिक़ हेलीकाप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 लोगों की मौत हो गई है। हादसे के बाद वायु सेना ने जांच के आदेश दिए हैं।
भारत के महान सपूत बिपिन रावत की मौत के बाद उनके गृह राज्य उत्तराखंड में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। दरअसल सीडीएस बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी जिले के द्वारीखाल ब्लॉक के सैंण गांव के रहने वाले थे, जबकिउनकी पत्नी उत्तरकाशी की रहने वालीं थीं। देश की सेवा और बहादुरी का पर्याय माने जाने वाले जनरल बिपिन रावत का परिवार देश की सेवा के लिए जाना जाता है। उनके पिता लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत सेना से लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर रहकर देश की सेवा कर चुकें हैं। थलसेना के प्रमुख रहने वाले जनरल बिपिन रावत को रिटायरमेंट से एक दिन पहले देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानि C.D.S बनाया गया था। देश के दुश्मनों से आंख से आंख मिलाने का साहस रखने वाले बिपिन रावत ने 11वीं गोरखा राइफल की पांचवीं बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी। जनरल रावत की शिक्षा का सफर देहरादून में कैंब्रियन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से होता हुआ आईएमए तक आते आते लगातार निखरता चला गया जहां उन्हें सर्वश्रेष्ठ स्वोर्ड ऑफ ऑनर सम्मान से भी नवाजा गया था।
जनरल बिपिन रावत को जानने वाले बताते हैं कि वे केवल देश लिए सोचते थे और देश के लिए ख़ुद को हमेशा तैयार रखते थे। उनकी हर क्षेत्र में काफी पकड़ थी, ख़ासतौर से आतंकवाद विरोधी गतिविधियों की उनको खासी जानकारी थी। सीडीएस बिपिन रावत ज़्यादा ऊंचाई वाले स्थान पर युद्ध और आतंकवाद विरोधी गतिविधियों की काफी जानकारी रखते थे। सीडीएस बिपिन रावत ने पूर्वी सैक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इंफेंट्री बटालियन की कमान भी संभाली थी। वे पूर्वी कमान मुख्यालय में मेजर जनरल, जनरल स्टाफ भी रहे। उन्होंने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में चैप्टर-7 मिशन में बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड की कमान संभाली। उन्हें वीरता और विशिष्ट सेवा के लिए पुरस्कृत भी किया गया, जिनमें यूवाईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, एसएम, वीएसएम, सीओएएस प्रशस्ति शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र के साथ काम करते हुए उन्हें दो बार फोर्स कमांडर प्रशस्ति पुरस्कार प्राप्त हुए।
देश की कई हस्तियों ने गंवाई हवाई हादसों में जान
सीडीएस बिपिन रावत का एयर क्रेश में मारा जाना देश के लिए बड़ा नुक़सान है। हम आपको बता दें कि इससे पहले भी देश ने कई बड़े हेलीकॉप्टर और विमान हादसे देखे हैं जिसमें कई नामी हस्तियों का निधन हो चुका है। जिनमें संजय गांधी, वाई एस राजशेखर रेड्डी, माधव राव सिंधिया, जीएमसी बाल योगी, एस मोहन कुमारमंगलम शामिल थे।
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