
नई दिल्ली (30 नवंबर 2019)- क्या हम निर्दयी हो गये हैं, क्या हमारा समाज बेशर्म हो चुका है, क्या समाज के ठेकेदार ज़ालिम हो गये हैं, या हम समझ नहीं पा रहे हैं कि हमारी ज़िम्मेदारी क्या है, और हमको करना क्या है। या फिर समाज में बेक़ाबू होते जा रहे कामांध मर्दों की भीड़ से डर कर सिस्टम ही नपुंसक होता जा रहा है।
डॉक्टर प्रियंका रेड्डी को मदद के नाम पर रेप के बाद जलाकर मारने वालों की चर्चा की चर्चा के बीच संभल में 9 दिन पहले घर में घुसकर रेप करने और जलाकर मार डालने की घटनाओं के बाद, ये सवाल नहीं बल्कि हमारे बेशर्म होने और सिस्टम के फेल होने के सबूत हैं।
दरअसल हैदराबाद की पशु चिकित्सक की आख़री कॉल के बारे मे सुनकर रूह कांप जाती है कि पशुओं का इलाज करने वाली एक डॉक्टर अपनी बहन को मदद के फोन करती है और थोड़ी ही देर मे कहती है कि कुछ लोग मेरी मदद को आ गये हैं, अब तुम परेशान मत हो। लेकिन कुछ ही देर बाद उस अकेली बेसहारा और अपने समाज पर भरोसा करने वाली लेडी डॉक्टर के साथ जो कुछ हुआ उसके सबूत के तौर परएक जली हुई लाश सबूत के तौर पर सामने थी।
लेकिन इसी तरह की तरह की एक शर्मनाक घटना संभल की अपने घर में मौजूद एक लड़की से साथ होती है। वारदात 9 दिन पहले यानि 21 नवंबर की है। जहां संभल नखासा में एक शख़्स ने एक लड़की पर कैरोसिन डालकर आग लगा दी थी। जिसके बाद पीड़िता को इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था। 9 दिन बाद शनिवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस के मुताबिक़ मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजा गया है।
लेकिन अफसोस रेप के बाद तेल छिड़कने के बाद आग लगा कर जलाई जाने वाली लड़की 9 दिन तक ज़िंदगी और मौत के बीत संभल से लेकर दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल का तक का सफर तय करती रही। आख़िरकार शनिवार को जब लड़की इस ज़ालिम समाज को अलविदा कहकर जि़ंदगी की जंग हार गई, तब तक हम जैसे पत्रकारों और मीडिया हाउसेज़ को ये ख़बर दिखाई ही नहीं दी। रात दिन डिबेट में पाकिस्तान को सबक़ सिखाने से लेकर विश्व गुरु बनने जैसे बड़े मिशन के बीच हमें ये छोटी सी ख़बर दिखाने और देखने की फुरसत ही न मिली। और अब मिली भी तो तब, जब उस बेचारी ने दम तोड़ दिया।
लेकिन सवाल यही है कि क्या हमें भी वारदात के बाद पीड़ित की मौत के बाद हमदर्दी या घड़ियाली आंसू बहाना ज़्यादा आसान लगता है या फिर यही समाज के ठेकेदारों को भी पंसद है।