गाजियाबाद(11नवम्बर 2019)- जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सोमवार को पहले ग्रामीण पोषण दिवस का आयोजन किया गया।इस मौके पर गर्भवती और धात्री महिलाओं को जरूरी पोषण के बारे में जानकारी दी गई। इसके साथ ही दो वर्ष तक के बच्चों के पोषण को लेकर उनकी माताओं की काउंसिलिंग की गई। ग्रामीण पोषण दिवस में बच्चों को छह माह की आयु पूरी करने पर ऊपरी पूरक आहार देने की सलाह दी गई।
जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वाष्र्णेय ने बताया पैदा होने वाला बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ और तदुरूस्त हो, इसके लिए जरूरी है गर्भ के दौरान महिला के पोषण का ध्यान रखा जाए। उन्होंने बताया ग्रामीण पोषण दिवस के मौके पर महिला के गर्भ धारण करने से लेकर दो वर्ष तक की आयु के बच्चों के परिवारों को पोषण व्यवहार अपनाने के लिए जागरूक किया गया और साथ ही पुष्टाहार का वितरण भी किया गया। उन्होंने बताया गर्भवती मां स्वस्थ रहेगी तो पैदा होने वाला शिशु भी स्वस्थ होगा। इसी उद्देश्य से बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से जनपद के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर प्रत्येक माह की 10 तारीख को ग्रामीण पोषण दिवस के आयोजन का निर्णय लिया गया है। लेकिन इस बार माह की 10 तारीख को रविवार पड़ने की वजह से यह कार्यक्रम 11 नवंबर को आयोजित किया गया।
डीपीओ ने बताया ग्रामीण पोषण दिवस पर स्वास्थ्य एवं पोषण विषय पर धात्री महिलाओं के लिए प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया ताकि गर्भवती व छह माह से ऊपर वाली धात्री महिलाओं को अपने स्वास्थ्य एवं बच्चे के लालन-पालन और देखभाल से संबन्धित स्वास्थ्य व्यवहारों को अपनाने के बारे में प्रेरित किया जा सके। हीमोग्लोबिन12 ग्राम प्रति डेसी से अधिक हो।
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