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राजकोट में 4.4 तीव्रता का भूकंप, यहां से 83 किमी दूर पश्चिमोत्तर में था केंद्र; 24 घंटे में दूसरी बार झटके



गुजरात में राजकोट से 83 किलोमीटर दूर सोमवार को 12.57 बजेभूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 मापी गई। राष्ट्रीय भूकंप केंद्र ने इसकी जानकारी दी।यहां रविवार रात 8:13 बजेपर भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.5 थी।इसका एपिसेंटर कच्छ के वोंधगांवमेंथा। राहत की बात ये थी कि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ।

रविवार को आए भूकंप सबसे ज्यादा असर भीकच्छ में ही देखा गया था। 19 साल पहले यानी 26 जनवरी 2001 को भी कच्छ के भुज में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 13 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

6 जून को उत्तर गुजरातमें भूकंप आया था
इससे पहले 6 जून को बनासकांठा जिले समेत उत्तर गुजरात के कई इलाकों में 10 सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 4.8 थी।

गुजरात में 19 साल पहले भूकंप ने तबाही मचाई थी
गुजरात में 26 जनवरी 2001 को 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। भुज और कच्छ में इस दौरान भारी तबाही हुई थी। 10 हजार लोग इस भूकंप के कारण मारे गए थे। 2 हजार शव तो 26 जनवरी को ही निकाले गए थे। इनमें भुज के एक स्कूल के 400 बच्चे भी शामिल थे। अस्पतालों को भी नुकसान पहुंचा था। इसके कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आई थी।

क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं जो लगातार घूम रही हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा प्रेशर बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। अर्थक्वेक ट्रैक एजेंसी के मुताबिक हिमालयन बेल्ट की फॉल्ट लाइन के कारण एशियाई इलाके में ज्यादा भूकंप आते हैं।

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An earthquake with a magnitude of 4.4 on the Richter Scale hit 83 km northwest (NW) of Rajkot, Gujarat

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Originally published on www.bhaskar.com

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