नई दिल्ली (8 जून 2021)- कोरोना महामारी से लाखों लोगों को गंवा चुकी बेहाल पूरी दुनियां भले ही अभी तक उसके इलाज को लेकर आश्वस्त नहीं है लेकिन आज भी ये चर्चा गर्म है कि कोरोना को फैलाया किसने। अमेरिका समेत कुछ देश शुरु से ही कोरोना लीक करने को लेकर चीन की वुहान लैब पर निशाना साधते रहे हैं। और अब एक बार फिर शक की सुई चीन और वहां की वुहान लैब पर जाकर टिकने लगी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ हाल ही में हुई एक और नई स्ट्डी में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान की लैब में बना था। जिस पर दुनिया को पहले से ही शक है। लेकिन इस मामले में नई प्रगति यह कि अब अमेरिकी लैब की एक रिपोर्ट ने इन तमाम आरोपों पर मुहर भी लगा दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स खासतौर से अमेरिकी समाचार माध्यमों के मुताबिक़ इस स्ट्डी पर पिछले साल मई में कैलिफोर्निया में लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लेबोरेटरी ने रिसर्च पर काम करना शुरू किया था। ट्रंप के हटने से ठीक पहले स्टेट डिपार्टमेंट की तरफ से वायरस के मेन ओरिजन को लेकर जांच करने के आदेश दिए थे। दरअसल लॉरेंस लिवरमोर का मूल्यांकन का बेस कोविड-19 वायरस के जीनोमिक एनालिसिस है। उधर अमेरिका के एनएसए जैक सुलिवन ने कहा कि कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में जानकारी देने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वह इंटरनेश्नल कम्यूनिटी के साथ मिलकर चीन पर दबाव बनाता रहेगा। नेश्नल सिक्यूरिटी एडवाइज़र सुलविन का कहना है कि हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर चीन पर यह दबाव बनाना जारी रखेंगे कि वह पारदर्शिता बरते, आंकड़े एवं सूचना देने के लिए तैयार रहे। बकौल सुलविन यदि चीन कहता है कि वह इसमें शामिल नहीं होगा तो ऐसा नहीं होगा कि हम खड़े रहकर केवल यह देखते रहें और उसकी इस बात को मान लें। सदन की विदेशी मामलों की समिति के सदस्य स्टीव चाबोट के एक सवाल के जवाब में ब्लिंकन ने कहा कि जो कुछ हुआ, उसकी तह तक जाने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन ने विस्तृत समीक्षा के आदेश दिए हैं।