नई दिल्ली(26 नवंबर 2019)- संविधान दिवस पर संविधान की एहमियत पर भले ही राजनीतिक गलियारों में बहस छिड़ी हो। लेकिन महाराष्ट्र में सत्ता के लिए चल रही राजनीतिक उठा-पटक के बीच सुप्रीम कोर्ट ने सीएम देवेंद्र फड़्णवीस और बीजेपी को तगड़ा झटका दिया है।
सुप्रीम कोर्ट में शिव सेना और एमसीपी ने महाराष्ट्र को लेकर अपनी गुहार लगाई थी। अपनी मांग में विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी। हांलाकि महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी द्वारा देवेंद्र फडणवीस को बहुमत सिद्ध करने के लिए 7 दिसंबर तक का समय दिया गया था। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुधवार शाम यानि 27 नवंबर शाम पांच बजे तक ही फ्लोर टेस्ट कराने का वक्त तय किया जाना है, फड़्णवीस और भाजपा को झटके के तौर पर देखा जा रहा है। अगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ग़ौर किया जाए तो देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को बहुमत सिद्ध करने के लिए लगभग 30 घंटे का समय ही मिल सका है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष की मांग को मानते हुए प्रोटेम स्पीकर चुनने का भी आदेश दे दिया है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा है कि इससे हॉर्स ट्रेडिंग जैसी राजनीतिक बीमारी को रोकने में भी मदद मिलेगी। प्रोटेम स्पीकर चुनने के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के मामले पर ओपेन बैलेट पूरी प्रक्रिया का लाइव टेलीकॉस्ट करने की भी विपक्ष की मांग पर मुहर लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने फडणवीस सरकार को बुधवार शाम पांच बजे तक विधानसभा के सदन में बहुमत सिद्ध करने के साथ ही सदन की कार्रवाई का लाइव प्रसारण करने का भी आदेश दिया है। कुल मिलाकर संविधान दिवस के मौक़े पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से देश की जनता के सामने संविधान का महत्व भी सामने आ गया है।