नौजवान भारत सभा ने सोशल मीडिया और अपने कुछ स्वरूप में बदलाव का ऐलान किया है। नौजवान भारत सभा यानि नौभास ने एक रिलीज़ जारी करके इन बदलावों की जानकारी जारी है। जो इस प्रकार है…
साथियो, नौजवान भारत सभा का यह नया पेज (https://www.facebook.com/naubhas/ ) इसलिए बनाना पड़ा क्योंकि संगठन के पुराने पेज को ग़लत ढंग से क़ब्ज़ा करके सभी पुराने एडमिन को हटा दिया गया और उस पेज पर ऐसी सामग्री डाली जाने लगी जो नौभास के सिद्धान्तों से मेल नहीं खाती है।
https://www.facebook.com/naujavanbharatsabha/ – इस लिंक से खुलने वाले पेज से अब नौजवान भारत सभा का कोई सम्बन्ध नहीं है। हमारा नये पेज का लिंक यह है : https://www.facebook.com/naubhas/
पंजाब के कुछ हिस्सों में पहले हमारे साथ काम करने वाले कुछ लोगों ने सभी सांगठनिक नियम-क़ायदों को धता बताते बताते हुए पेज पर क़ब्ज़ा करने के लिए पेज के एडमिन होने का लाभ उठाते हुए निहायत साज़िशाना तरीक़े से यह कार्रवाई की है।
ये लोग बुर्जुआ राष्ट्रवाद और भाषाई अस्मितावाद के भटकाव के शिकार थे जिनके विचारों का संगठन की बहुसंख्या द्वारा विरोध किया जा रहा था। बुर्जुआ राष्ट्रवाद और भाषाई अस्मितावाद का मतलब यह है कि ये लोग भाषाई आधार पर राज्यों के फिर से पुर्नगठन की माँग उठाकर और राष्ट्रीयता तथा भाषा की ग़लत समझदारी पेश करके ऐसे सवालों को उठा रहे थे जो जनता के बीच फूट डालने का काम करेंगे—वह भी एक ऐसे समय में जब देश के नौजवानों के सामने साम्प्रदायिक फ़ासीवाद, बेरोज़गारी, महँगाई और पूँजीवाद द्वारा बरपा किये जा रहे कहर के ख़िलाफ़ एकजुट होकर लड़ने की चुनौती है!
इस पेज को फ़ॉलो करने वाले सभी साथी जानते हैं कि इस पेज पर सबसे पहले शहीदेआज़म भगतसिंह और उनके साथियों के सम्पूर्ण उपलब्ध दस्तावेज़ों और उनसे जुड़े अन्य क्रान्तिकारी साहित्य से सम्बन्धित पोस्ट दिखायी देती थी। प्रमुखता से दिखायी देने वाली इस पोस्ट के ज़रिए हज़ारों-हज़ार नौजवान भगतसिंह के विचारों से परिचित हुए हैं। लेकिन अपने ग़लत विचारों के प्रचार के लिए एक रिपोर्ट को सबसे ऊपर दिखाने के जुनून में इन लोगों ने उस बेहद महत्वपूर्ण पोस्ट को हटाकर नीचे कर दिया! साथियो, नौभास भगतसिंह के विचारों पर बना संगठन है और भगतसिंह, सुखदेव, भगवतीचरण वोहरा आदि द्वारा स्थापित नौजवान भारत सभा की विरासत को ही आगे बढ़ाने के लिए गठित हुआ है। ऐसे में इस पेज से भगतसिंह और उनके साथियों के विचारों को प्रस्तुत करने वाले साहित्य की पोस्ट की बेक़दरी करने से भी इनकी मंशा और उद्देश्य का अनुमान लगाया जा सकता है।
हम नौभास के सभी साथियों से अपील करते हैं कि कृपया इस नये पेज को ही लाइक और फ़ॉलो करें। संगठन की सभी गतिविधियों की रिपोर्टें और वैचारिक साहित्य हम इसी पेज से शेयर करेंगे।
साथ ही अधिक जानकारी के लिए अपनी वेब साइट पर जाने की सलाह दी गई है।