गाजियाबाद (4 नंवबर 2019)- जल ही जीवन है लेकिन इसकी बर्बादी को लेकर कम ही लोग गंभीरता दिखाते हैं। लेकिन गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे का मानना है कि जल की बर्बादी करने वाला कोई भी उसके ख़िलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
इसी कड़ी में अजय शंकर पांडे ने पानी की बर्बादी को लेकर सख़्त मैसेज दिया है। दरअसल नए-नए क्रिएटिविटी करने में पहचान बनाने वाले जिला अधिकारी अजय शंकर पांडे ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर में जल की बर्बादी होने पर कलेक्ट्रेट के अधिकारियों कर्मचारियों पर सामूहिक रूप से दस हजार रूपये का जुर्माना ठोक दिया। श्री पांडे ने तत्काल यह जुर्माना कोष में जमा करा दिया।प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी से 100 वही कुछ कर्मचारियों से 70 रूपये वसूला गया।
जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे मंगलवार की सुबह को साढ़े नौ बजे अपने दफ्तर पहुंचे पहले उन्होंने पूरे दफ्तर की खुद ही सफाई की उसके बाद कुछ देर के लिए विश्राम कक्ष में चले गए जैसे ही वह विश्राम कक्ष में पहुंचे तो उन्हें पानी के पानी गिरने की आवाज आई जिस पर उन्होंने कर्मचारियों को तलब किया कर्मचारियों ने बताया कि कलेक्ट्रेट की पानी की टंकी पिछले 10 मिनट से भर चुकी है और पानी बह रहा है उन्होंने गंभीरता से लिया और जल की बर्बादी मानते हुए अधिकारियों कर्मचारियों पर सामूहिक रूप से दस हजार रूपये का जुर्माना कर दिया।उन्होंने सभी से वसूला और कोष में जमा करा दिया। जहां एक तरफ देश में और दुनिया में जल संरक्षण के लिए काम हो रहा है वहीं कलेक्ट्रेट जैसी महत्वपूर्ण जगह पर की खुलेआम बर्बादी हो रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सच्चाई तो ये है कि यह सिर्फ कार्रवाई ही नहीं बल्कि एक मैसेज भी है।