अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो भारत दौरे पर आ रहे हैं। मंगलवार रात वह दिल्ली पहुंचेंगे। वह बुधवार को प्रधानंमत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात करेंगे। जयशंकर पोम्पियो के लिए लंच भी होस्ट करेंगे। ईरान तेल निर्यात, पाकिस्तान में आतंकवाद और रूस के साथ एस-400 समझौते समेत कई मुद्दों पर इस दौरान बातचीत की जाएगी।
पाकिस्तान आतंकवाद को खत्म करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। वह बार-बार भारत को निशाना बना रहा है। जिससे भारत की चिंता बढ़ती जा रही है। साथ ही पाकिस्तान मुंबई, पठानकोट, उरी और पुलवामा आतंकी हमलों की जांच में ना तो सहयोग कर रहा है और ना ही जांच को आगे बढ़ा रहा है। इसलिए इस मुद्दे पर भी भारत पोम्पियो से बात कर सकता है। फरवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा था कि वह पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा की गई जा रही कार्रवाई को समझते हैं।
अमेरिका और तालीबान की फिलहाल बातचीत चल रही है। ताकि लंबे समय से अफगानिस्तान में चल रही अमेरिकी लड़ाई को खत्म किया जा सके। ऐसे में अफगानिस्तान को युद्धक्षेत्र बदलने के पीछे पाकिस्तान के प्रभाव पर भी बातचीत हो सकती है।
भारत अमेरिका से सेना के लिए कई उपकरण खरीद रहा है, जिसमें 24 एमएच60 सीहॉक हेलीकॉप्टर, लंबी दूरी वाला 10 पी8एलविमान, 6 अधिक अपाचे-64 हेलीकॉप्टर आदि शामिल हैं। रक्षा खरीद को आगे और बढ़ाने पर भी चर्चा हो सकती है।
हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत भारत और अमेरिका दोनों के लिए चिंता का विषय है। ऐसे में पोम्पियो भारत-अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर बातचीत कर सकते हैं।
कुछ मुद्दे ऐसे भी हैं जो भारत और अमेरिका के बीच विवाद का विषय बने हुए हैं। इन मुद्दों का हल निकालने के लिए भी इस दौरान विचार विमर्श हो सकता है।
पोम्पियो से भारत-अमेरिकी व्यापार में चल रहे तनाव को खत्म करने की लिए बातचीत हो सकती है। हाल ही में अमेरिका ने भारत को विषेश तरजीह वाले देशों (जीएसपी सूची) की सूची से बाहर किया है। जिसके बाद भारत ने भी जवाब देते हुए अमेरिका से आयातित 28 उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ा दिया था।
अमेरिका और ईरान के बीच चल रहे टकराव के कारण ईरान का तेल निर्यात प्रभावित हो रहा है। भारत भी ईरान से तेल लेता है। लेकिन अमेरिका ने भारत सहित कई देशों को चेतावनी दी है कि अगर वह ईरान से तेल खरीदते हैं तो उनके खिलाफ भी कड़े प्रतिबंध लगा दिए जाएंगे। हालांकि अमेरिका भारत को वैकल्पिक स्त्रोत को लेकर भी विकल्प दे सकता है।
-एच-1बी वीजा: अमेरिका द्वारा एच-1 बी वर्क वीजा पर प्रतिबंध की संभावना से भारत भी चिंतित है। इसी हफ्ते अमेरिका ने कहा है कि वह एच-1बी कार्यक्रम की समीक्षा करेगा लेकिन इससे भारत को नुकसान नहीं होगा। इसपर लिए गए किसी भी फैसले का नकारात्मक प्रभाव भारतीयों पर ना पड़े, इसके लिए भी बातचीत हो सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरी बार सरकार बनने के बाद ये अमेरिका के ट्रंप प्रशासन की ओर से पहला दौरा है। पोम्पियो भारत के अलावा श्रीलंका की यात्रा पर भी जाएंगे। इसके बाद वह दक्षिण कोरिया की यात्रा पर जाएंगे। फिर वह ओसाका में जी 20 सम्मेलन में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ शिरकत करेंगे।