देश के नए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शपथ लेने के बाद से ही एक्शन मोड़ में दिखाई दे रहै है। राजनाथ सिंह सोमवार से जम्मू-कश्मीर के सियाचिन ग्लेशियर के दौरे पर है। यहां पर वह अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और बॉर्डर पर तैयारियों का जायजा लेंगे। राजनाथ सिंह सेना प्रमुख के साथ सियाचिन दौरे के बाद श्रीनगर भी जाएंगे। बतौर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का ये पहला सियाचिन दौरा है।
केंद्र में दोबारा मोदी सरकार के शपथ लेने के बाद रक्षा मंत्री बने राजनाथ सिंह का ये पहला आधिकारिक दौरा है। इस दौरे के दौरान वह जम्मू कश्मीर में आतंकवाद निरोधक अभियान का जायजा लेने के साथ ही पाकिस्तान से लगी सीमाओं पर सुरक्षा तैयारियों का जायजा लेंगे।
बता दें कि राजनाथ सिंह रक्षा मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद पहली यात्रा में सबसे पहले सियाचिन ग्लेशियर पहुंचे हैं। सियाचिन दुनिया का सबसे खतरनाक युद्ध क्षेत्र कहा जाता है। यहां वह फील्ड कमांडरों और जवानों के साथ बातचीत करेंगे।
कोराकोरुम रेंज में स्थित सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सर्वोच्च सैन्य क्षेत्र है, जहां जवानों को अत्यधिक सर्दी और तेज हवाओं का सामना करना पड़ता है। यहां तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है। सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री को 14 कोर और 15 कोर में पाकिस्तान की ओर से पैदा की गई किसी तरह की प्रतिकूल स्थिति से निपटने की भारत की तैयारी आदि पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
बताते चलें कि सियाचिन ग्लेशियर हिमालय के पूर्वी काराकोरम पर्वत श्रंखला में स्थित है, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा समाप्त होती है। सेना ने इस इलाके में एक ब्रिगेड तैनात कर रखे हैं, जहां कुछ चौकियां 6,400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। सियाचिन ग्लेशियर पर 13 अप्रैल, 1984 से ही सेना का नियंत्रण है, जब पाकिस्तानी सेना को हरा कर चोटी पर कब्जे के लिए ‘ऑपरेशन मेघदूत’ लांच किया गया था।