पानी नहीं तो वोट नहीं। जो पानी दिलवाएगा वोट वही पाएगा। बुंदेलखंड के कई इलाकों में इस वक्त इसी तरह के नारे सुनाई दे रहे है। घर-घर से व्यक्ति बाहर निकलकर वोट मांगने आने वाले नेताओं से यही मांग कर रहे है। बुंदेलखंड के बांद जिले में राष्ट्रवाद या फिर कांग्रेस की न्याय स्कीम की चर्चा नहीं बल्कि पानी की चर्चा है। दरअसल, बांदा जिले के दर्जनों इलाके पानी की समस्या से जूझ रहे है। पानी आता नहीं और जो आता भी है वो बेहद गंदा होता है। स्थानीय लोगों को ये समस्या पिछले 2 सालों से है, हालांकि इसका समधाना अबतक नहीं हुआ। अंत में जब किसी ने नहीं सुनी तो लोगों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया है।
बांदा जिले के वार्ड नंबर 26 और वार्ड नंबर 18 के लोगों ने सड़कों पर निकलकर जोरदार प्रदर्शन किया। केवल यही दो वार्ड नहीं बल्कि बांदा के तकरीबन हर इलाके में हाल ऐसा है। पानी की समस्या से निकला गुस्सा कैसा है वो आप इन लोगों के गुस्से को देखकर समझ सकते है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शिकायत एक बार नहीं बल्कि कई-कई बार की लेकिन ना तो किसी अधिकारी ने सुनी और ना ही किसी विधायक ने।
बांदा जिले से 2014 में बीजेपी से भैरव प्रसाद मिश्र जीतकर सांसद बने। लोगों को उम्मीद थी के सांसद जी कुछ काम करेंगे और पानी की समस्या दूर करेंगे। हालांकि काम कुछ हुआ नहीं और जनता अब भी परेशान है। यही कारण है कि लोगों के गुस्से को देखते हुए इस बार भैरव प्रसाद मिश्र का टिकट काट दिया गया है। बहरहाल, बड़ा सवाल ये कि बीजेपी ने सीट पाने के लिए टिकट तो काट दिया, हालांकि लोगों की समस्या का समाधान नहीं किया। अब जनता परेशान है, हालांकि नेता जी राष्ट्रवाद और देशहित की बात कर वोट बटोरने में व्यस्त है l