सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर लगे यौन शोषण के आरोप मामले में वकील उत्सव बैंस के दावे के बाद आईबी चीफ, दिल्ली पुलिस कमिश्नर और सीबीआई डायरेक्टर को दोपहर 12.30 बजे तलब किया था।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ कर रही है। पीठ ने कहा था कि ये कोई जांच नहीं है, हम केवल इनके साथ एक मीटिंग करेंगे। हम नहीं चाहते कि किसी भी सबूत का खुलासा किया जाए। इन सभी ने न्यायाधीशों से चैंबर में मुलाकात की। बता दें इस बेंच में जस्टिस आरएफ नरीमन और दीपक मिश्रा भी शामिल हैं।
वहीं बैंस ने सीजेआई रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न मामले में फंसाने के लिए षड्यंत्र रचे जाने के अपने दावों पर कोर्ट में रिपोर्ट जमा कर दी है। कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में दायर वकील की उस रिपोर्ट पर गौर किया, जिसमें आरोप लगाए गए हैं कि ऐसे कुछ लोग हैं जो अपने हिसाब से फैसले कराते हैं।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने वकील उत्सव बैंस को सुरक्षा देने को कहा है। बता दें कि उत्सव बैंस ने ही यह दावा किया था कि सीजेआई को एक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए इस साजिश के बारे में विस्तार से बताया है।
बैंस का कहना है, “मेरे पास सीसीटीवी फुटेज है, जो असली सबूत है। मैं इसे कोर्ट में सौंप रहा हूं। आरोपी-मास्टरमाइंड बेहद ताकतवर है।”
बैंस के साजिश वाले दावे से न्यायपालिका चिंतित है। बैंस के हलफनामे पर जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा है, “यह न्यायपालिका से संबंधित एक बहुत गंभीर मुद्दा है, अगर ये सच है, तो यह काफी परेशान करने वाला है।”
हलफनामे में बैंस ने सीजेआई गोगोई के उस फैसले का जिक्र भी किया है जिसमें उन्होंने दो अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया था। इन दोनों पर सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर गलत जानकारी पोस्ट करने का आरोप था। बाद में ये मामला दिल्ली पुलिस को सौंपा गया, जिसके बाद दोनों आरोपी मानव शर्मा और तपन कुमार चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया गया था।
मामले पर जस्टिस मिश्रा का कहना है कि ऐसा पहली बार नहीं है, जब ऐसा कुछ शीर्ष अदालत या हाईकोर्ट में हो रहा है। लेकिन किसी मुख्य न्यायाधीश में कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं थी।