2019 के लोकसभा में बीजेपी संस्थापक सदस्य लालकृष्ण आडवाणी को अपने लोकसभा क्षेत्र गांधीनगर से अलविदा कहना पड़ा। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने आडवाणी की जगह शनिवार को गांधीनगर से अपना नामांकन किया है। नामांकन से पहले अमित शाह ने शक्ति प्रदर्शन दिखाया और जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं आडवाणी जी कि विरासत का पूरा ध्यान रखूंगा। इस जनसभा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, राम विलास पासवान, शिवसेना प्रमुख उध्दव ठाकरे, अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल और गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी शामिल थे। रैली में उध्दव ने कहां, “कुछ लोगों को मेरे यहां पहुंचने से आनंद हुआ पर कुछ को पेट मे दर्द हो रहा होगा।
कुछ लोग खुशी मना रहे थे कि एक विचारधारा वाले दल लड़ झगड़ रहे थे।। हम में मनमुटाव जरुर था पर जब अमितभाई मेरे घर आये और बात हुई तो यह सब खत्म हो गया। शिवसेना और भाजपा की विचारधारा एक है जो हिंदुत्व है। मेरे पिताजी कहते थे कि हिंदुत्व हमारी सांस है। यह रुक जाये तो कैसे चल सकते हैं।‘’ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, कि “देश के इतिहास में पहली बार गैर कांग्रेसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत हासिल हुआ था। पूरी दुनिया इस सच्चाई को स्वीकार करती है कि देश का नेतृत्व मजबूत हाथों में है। विरोधी पार्टी के नेता ऐसे प्रधानमंत्री के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल करते हैं। देश की जनता को चाहिए कि लोकतांत्रिक तरीके से सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए। देशवासियों को डंके की चोट पर बोलिए- “चौकीदार चोर नहीं है, बल्कि प्योर है, सारी समस्याओं का वही क्योर है, दुबारा पीएम बनना श्योर है।”
उन्होंने कहा कि अमित शाह ने करिश्माई काम किया है। साढ़े पांच साल तक मैंने भी संगठन चलाया है, जो काम मैं न कर सका, वह अमित भाई शाह ने कर दिखाया है। कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि भूल गए 1971, जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान को धूल चटाई थी और पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे, तब हमारे नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी की सराहना की थी। आज, जब देश की सेना ने पुलवामा हमले का जवाब दिया, आतंकियों पर कार्रवाई की, तो आप सेना के शौर्य पर सवाल उठाते हैं!”