नई दिल्ली (06 फरवरी 2018)- वामपंथी आतंकवाद को क़ाबू करने, देश की कनेक्टिविटी को बेहतर करने और विकास की रफ्तार को तेज़ करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण यानि एनएचएआई कई बड़े क़दम उठाने जा रहा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कामकाज और सड़क परियोजनाओं को विकेंद्रित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इसी को लेकर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कई योजनाएं बनाईं हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यरत मुख्य अभियंता-क्षेत्रीय अधिकारी यानि सीई-आरओ को अधिकार देना, परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अधिकार देना, राष्ट्रीय राजमार्गों (गैर-योजना)-प्रथम चरण के रखरखाव एवं मरम्मत के तहत प्रशासकीय/वित्तीय मंजूरी सावधि नवीकरण/मार्ग गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम के लिए अधिकार सौंपना इत्यादि इन आदेशों में शामिल हैं। इसके अलावा विभिन्न स्तरों पर अधिकार सौंपना भी कैबिनेट स्वीकृत भारतमाला परियोजना के प्रथम चरण का हिस्सा है। इस चरण का वास्ता वर्ष 2017-18 से लेकर वर्ष 2021-22 तक के पांच वर्षों की अवधि के दौरान 5,35,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 34,800 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास/उन्नयन से है। पीआईबी द्वारा जारी बयान के मुताबिक़ ये जानकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, शिपिंग और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल. मंडाविया ने सोमवार को राज्यसभा में एक लिखित प्रश्न के उत्तर में दी।
इसके अलावा वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों में संपर्क के लिए सड़कों का निर्माण भी किया जाएगा। दरअसल वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों के विकास के लिए मंजूर योजना के अंतर्गत सड़कों की कुल लंबाई 34 जिलों में 5422 किलोमीटर है। अब तक तय सड़कों की कुल लंबाई और उनका निर्माण क्रमश: 5419 किलोमीटर और 4486 किलोमीटर हुआ है। योजना के अस्तित्व में आने के बाद से 31 मार्च, 2017 तक कुल व्यय 6210 करोड़ रुपये किया गया। वर्तमान वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 700 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया।
सड़क परिवहन और राजमार्ग, नौवहन और रसायन तथा उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख लाल मंडाविया ने सोमवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2017-18 से लेकर वर्ष 2021-22 तक के पांच वर्षों की अवधि के दौरान 5,35,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 34,800 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्गों (एनएच) के विकास/उन्नयन के लिए 24 अक्टूबर, 2017 को प्रमुख राजमार्ग क्षेत्र कार्यक्रम ‘भारतमाला परियोजना (बीएमपी)’ के प्रथम चरण के लिए निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
इसके अलावा अन्य मौजूदा योजनाओं जैसे कि एनएच (ओ), पूर्वोत्तर क्षेत्र में विशेष त्वरित सड़क विकास कार्यक्रम, बाह्य मदद प्राप्त परियोजनाओं एवं वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में सड़क परियोजनाओं के तहत 48,877 किलोमीटर लम्बे राजमार्गों वाली परियोजनाएं भी इसी अवधि के दौरान क्रियान्वित की जाएंगी। कैबिनेट ने 1,57,324 करोड़ रुपये के अतिरिक्त परिव्यय को मंजूरी दी है। अत: पांच वर्षों की उपर्युक्त अवधि के दौरान कुल मिलाकर 6,92,324 करोड़ रुपये की लागत वाली 83,677 किलोमीटर लम्बी राजमार्ग परियोजनाओं को क्रियान्वित करने का प्रस्ताव है, जिसमें भारतमाला परियोजना का प्रथम चरण भी शामिल है।