नई दिल्ली (07 दिसंबर 2017)- राजस्थान का राजसमंद अचानक देश की मीडिया की नज़र में आ गया है और वहां से एक ऐसी ख़बर आई है जिसको नफरत के ठेकेदारों की मेहनत का फल कहा जाए तो शायद गलत न होगा। दरअसल यहां पर कथित तौर पर लव जिहाद के नाम पर एक युवक की हत्या कर उसके शव को जलाने का मामला सामने आया है। बेहद दर्दनाक ही नहीं बल्कि इंसानियत को शर्मनाक करते इस वीडियो में एक बेबस इंसान की चीखों को नज़रअंदाज़ करता हुआ एक दूसरा इंसान हैवान बना हुआ दिखाई दे रहा है। वायरल वीडियो में पहले एक कुदाल से पीड़ित को मारते हुए दिखाया गया है बाद में घायल पर पैट्रोल या तेल छिड़क कर आग लगाते हुए दिखाया गया है। इससे भी शर्मनाक बात ये है कि हत्या के बाद वही शख़्स ख़ुदको उन्ही महाराणा प्रताप का समर्थक बता रहा है जिनकी सेना का मुखिया एक मुसलमान ही बताया जाता है। साथ ही हत्या के बाद मेवाड़ की आन बान के लिए एक इंसान को काट कर और आग लगाने के बाद मारने वाले बहादुर ने कहा कि इसके लिए उसका साथ दिया जाए।
ये सब क्या हो रहा है इसके लिए फिलहाल अल्फ़ाज़ तो नहीं मिलते लेकिन एक मुस्लिम को मारने वाले किसी हिंदु या किसी हिंदु को मारने वाले किसी मुस्लिम का साथ देना शायद अभी हमने और हमारे समाज ने नहीं सीखा है। और आज देश के सभी लोगों से प्रार्थना है कि हम भारतीय हैं हमारी परंपराओं की जड़े बहुत मज़बूत और गहरी हैं। सैंकड़ो साल से ऐसे लोगों को हमने जवाब दिया है। राजस्थान मे जो हुआ उसको सिर्फ एक बीमार और मानसिक रूप से बीमार इंसान की हरकत के तौर पर देखा जाए न कि किसी धर्म या मज़हब से जोड़कर।
लेकिन इतना ज़रूर है कि इस तरह की बीमार मानसिकता कोई एक दिन में नहीं पनपती बल्कि उसके लिए हामेर आसपास का माहौल और हमारे रहबरों के द्वारा हमे दी जाने वाली शिक्षा बेहद अहम होती है।
जहां तक बात है राजस्थान के राजसमद में होने वाली वारदात की तो इस मामले के आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि इस मामले की जांच एसआईटी करेगी। उधर तनाव को देखते हुए राजसमंद में इंटरनेट बंद कर दिया गया है।
लेकिन गंभीर बात ये है कि वायरल वीडियो में आरोपी शंभूनाथ एक युवक की हत्या कर उसके शव को जलाते हुए तो नजर आ ही रहा है। साथ ही विडियो क्लिप में शंभूलाल धमकी देते हुए कहता है कि अगर लव जिहाद खत्म नहीं हुआ तो हर भारतीय को इस तरह की भयानक स्थिति का सामना करना पड़ेगा। तो क्या हमारे बीच इतनी मानसिक कुंठा के लोग ही सिर्फ इन हालात के लिए ज़िम्मेदार है या फिर इस माहौल के लिए हमारे नेताओं और ज़िम्मेदारों के अलावा सरकार को क्लीनचिट दी जा सकती है। ज़रूरत इस बात की है कि जो लोग सत्ता में हैं उनको भी क़ानून व्यवस्था को सख़्ती से लागू करना होगा ताकि लोगों में क़ानून का सम्मान ही नहीं डर भी बना रहे। नहीं तो कहीं ऐसा न हो अभी एक शंभू सामने आया है और बाक़ी अपने नापाक इरादों को पूरा करने में जुटे रहें। समाजहित में और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और सेहतमंद समाज देने के लिए ऐसी हर सोच का विरोध सिर्फ सरकार की ही नहीं हमारी भी ज़िम्मेदारी है।