नई दिल्ली 11 अगस्त 2017)-दुनियां के सबसे बड़े लोकतंत्र को वैंकया नायडू के रूप मे 13वां उपराष्ट्रपति मिल गये हैं। शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद नायडू राज्यसभा में पहुंचे और उन्होंने सभापति की कुर्सी संभाली। नायडू ने अपनी शपथ हिंदी में ली। जिसके बाद सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नायडू की जमकर तारीफ की और शायराना अंदाज में कहा कि अमल करो ऐसा सदन में, जहां से गुज़रे तुम्हारी नज़रें, उधर से तुम्हें सलाम आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैंकया नायडू के बारे में बताया कि वो किसान परिवार में जन्में हैं और खेत खलीहान को अच्छी तरह जानते हैं। उन्होने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना वैंकया नायडू की देन है। शपथ से पहले नायडू सुबह अपने घर से निकलकर सीधे राजघाट पहुंचे जहां उन्होंने महात्मा गांधी की समाधी पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद वो डीडीयू पार्क पहुंचे जहां पं. दीनदयाल उपाध्याय को भी श्रद्धांजलि अर्पित की।
जबकि विपक्षी नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिस पद पर आप बैठे हैं वो हर किसी को नसीब नहीं होता। यह वो पद है जहां इंसान निष्पक्ष होता है। जहां आप बैठे हैं उसके पीछे एक तराजू है जो बार-बार याद दिलाता है कि आप निष्पक्ष बने रहें।
खास बात यह है कि वैंकया नायडू ने सदन ठप करने की प्रवृत्ति रोकने के लिए सख्ती बरतने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि सदन चलाने के लिए वे नियमों को लागू करेंगे। सक्रिय राजनीतिज्ञ से संवैधानिक पद के अपने नए सफर की शुरुआत से ठीक पहले नायडू ने अंसारी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग अल्पसंख्यकों में असुरक्षा की भावना की बात कर रहे हैं। उन्होने कहा कि हकीकत यह है कि पूरे दुनिया की तुलना में भारत में अल्पसंख्यक सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं और उन्हें उनका हक मिलता है। नायडू ने कहा कि वास्तव में भारतीय समाज सबसे ज्यादा सहिष्णु है।