ग़ाज़ियाबाद (5 अगस्त 2016)- लगता है गाजियाबाद की नई ज़िलाधिकारी जिले के अधिकारियों की नब्ज़ तक पहुंच गईं हैं। किसी भी सरकारी काम में लापरवाही को लेकर उनके सख़्त तेवरों से लगता है कि अब लापरवाह अधिकारियों की ख़ैर नहीं है। कलक्ट्रेट सभागार में शायद अपनी पहली मासिक बैठक में उन्होने अपने तेवरों से साफ कर दिया है कि लापरवाही बस अब और नहीं। साथ ही उन्होने साफ कर दिया है कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठकों में नामित अधिकारी ही भाग लेंगे।
जिलाधिकारी निधि केसरवानी ने कलेक्ट्रेट सभागार में मासिक विकास कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुये बैठक में रामगंगा परियोजना के अवर अभियन्ता को बैठक से बहार कर दिया। क्योकि बैठक में सहायक अभियन्ता अनुपस्थित थे, जिस पर उन्होने सहायक अभियन्ता का एक दिन का वेतन काटने का आदेश दिया। जिलाधिकारी ने बैठक में सभी अधिकारियों को चेतावनी दी कि उनकी बैठक में जिला स्तरीय अधिकारी ही भाग लेगें। अगर वे किसी अन्य आवश्यक कार्य से वहार जायेंगे तो अपने अधीनस्त अधिकारी के भाग लेने के लिए पूर्व में लिखित अनुमोदन लेना होगा।
बैठक में जिलाधिकारी ने एक-एक करके समस्त विभागों के प्रगति कार्यो की समीक्षा करते हुये कहा कि जो भी शासन द्वारा लक्ष्य निर्धारित किया गया है उसको समय से जो भी अधिकारी पूरा नही करेगा उसके विरूद्व कठोर दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली, को प्रभावी -ढंग से संचालित करने के लिए जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने जनेश्वर ग्राम योजना, खाद्यय सुरक्षा अधिनियम, तथा राजीव गांधी, ग्रामीण विधुतीकरण की समीक्षा करते हुये ग्रामीण क्षेत्रों में विधुत करण का लक्ष्य पूरा न होने पर विधुत विभाग के अधिशासी अभियन्ता (ग्रामीण) पर वेहद नाराजगी व्यक्त की।
अपने गोद लिये गांव में हर सप्ताह एक दिन देंगे अधिकारी:केसरवानी
जिलाधिकारी निधि केसरवानी ने महारानी लक्ष्मीवाई,योजना,जननी सुरक्षा योजना, तथा स्वास्थ्य विभाग के योजनाओं की समीक्षा करते हुंये मुख्य चिकित्साधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी, को निर्देश दिया कि आपस में विभागीय समन्वय बनाकर कुपोषित, एवं अति कुपोषित बच्चों के प्रतिरक्षण, विटामिनस वितरण तथा उनका वज़न लेने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि जनपद के 35 जिला स्तरीय अधिकारियों ने जिन 35 गांव को गोद लिया है। वहां सप्ताह में एक पूरे दिन रहे, और समस्त सरकारी योजनाओं के क्रियान्वय का भौतिक सत्यापन कर मुख्य विकास अधिकारी को रिर्पोट प्रस्तुत करें।
जिलाधिकारी निधि केसरवानी ने श्रम विभाग, के कार्यो की समीक्षा करते हुये श्रमिकों के पंजीकरण पर बल, दिया। उन्होंने कहा कि जो श्रमिक 03 माह तक एक जगह काम करे, उनका पंजीकरण हो और साईकिल वितरण किया जाये।
पशुपालन विभाग की कामधेनू, मिनी कामधेनू, तथा माईक्रो, कामधेनू, योजना की समीक्षा करते हुंये कहा कि शासन की यह वेहद महात्वां काक्षी योजना है। इसलिए इस पर व्यतिगत ध्यान देकर सफल बनाया जाये। उन्होंने मध्यान भोजन में दूध, एवं फलों, की गुणवत्ता की शिकायत प्राप्त होने की बात करते हुंयें बेसिक शिक्षाधिकारी को निर्देश दिया कि वे स्वंय इस पर व्यतिगत ध्यान दें।
उन्होंने जिला पंचायत अधिकारी को निर्देश दिया कि वे नियमित प्रयास करें कि जनपद का कोई भी घर ऐसा न बचे जहां कि शौचालय न बना हो।
जिलाधिकारी निधि केसरवानी ने आजीविका मिशन योजना विभिन्न पेंशन, छात्रवृत्ति, स्वंय सहायता समूह,लोहिया ग्राम विकास योजना,किसान पारदर्शी योजना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, जननी सुरक्षा योजना, स्वच्छ भारत मिशन, कुक्कूट विकास योजना, कृषक व्यक्तिगत दुर्घना बीमा योजना, समाजवादी पेंशन, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना,मुख्य मंत्री जल बचाओ अभियान, आज योजनाओ की ग्रहण समीक्षा की और समूचित निर्देश दिये।
बैठक का संचालन मुख्य विकास अधिकारी कृष्णा करूणेश ने किया। बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी, डॉ. अजेय अग्रवाल, उप निर्देशक नवल कान्त अधिकारी परियोजना निदेशक शशीकान्त त्रिपाठी, जिला विकास अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षाधिकारी, ए.आर.टी.ओ विशवजित सिंह एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।