नई दिल्ली (2मार्च2016)-भारतीय सिविल सेवा के 40वें वार्षिक समारोह में अपने दिये भाषण में राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि भारतीय सिविल लेखा सेवा की स्थापना से अब तक इसमें सुधारों की महत्वपूर्ण पहलें हुई हैं और सेवा ने बहुत प्रगति की है। उन्होंने महालेखा नियंत्रक और भारतीय सिविल लेखा सेवा के अधिकारियों तथा स्टॉफ को बधाई दी कि उन लोगों ने देश की सेवा में अभूतपूर्व योगदान किया है। उन्होंने कहा कि महालेखा नियंत्रक के कार्यालय ने 40 वर्षों के दौरान मानव संसाधन के प्रशिक्षण के लिए महत्वपूर्ण काम किया है। इसमें सूचना प्रौद्योगिकी भी शामिल है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) संबंधी भुगतान प्रणाली को महत्व देती है ताकि आर्थिक रूप से वंचित और कमजोर वर्गों तक उसके लाभ पहुंच सके। डीबीटी प्रणाली के तहत समस्त भुगतान सीधे हितधारकों के बैंक खातों में जाता है और इससे पारदर्शीता सुनिश्चित होती है तथा किसी प्रकार का विलंब नहीं होता है।