नई दिल्ली( 6 फरवरी, 2016)-राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को नई दिल्ली के पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के 54वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के पास विश्व के भूमि संसाधन का केवल तीन प्रतिशत एवं जल संसाधनों का पांच प्रतिशत है। फिर भी, भारतीय कृषि प्रणाली विश्व की आबादी के 18 प्रतिशत की सहायता करती है। खाने के लिए आयातित अनाज पर निर्भर रहने वाले देश से खाद्यान्न के अग्रणी निर्यातक देश के रूप में रूपांतरण मुख्य रूप से आईएआरआई जैसे प्रमुख संस्थानों में वैज्ञानिक विकासों के कारण संभव हो पाया है। इस संस्थान ने हरित क्रांति का उदभव करने एवं हमारे देश में जीवंत कृषि क्षेत्र का निर्माण करने में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने राष्ट्र के प्रति इसकी समर्पित सेवा के लिए आईएआरआई की सराहना की।