नई दिल्ली (2दिसंबर2015)-राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दीव में ‘फेस्टा डी दीव ‘ का उद्घाटन किया ।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि दीव भले ही भौगोलिक रूप से छोटा है लेकिन इसमें भारत और विश्व के पर्यटकों को आकर्षित करने की अपार क्षमता है। दीव एक समय सफल बंदरगाह था और गुजरात के व्यापारी यहां से दक्षिण अफ्रीका कपड़ा ले जाते थे और कपड़ा बेच कर सोना और हाथी दांत लाते थे। उस समय हमारे लोग विचारों , संस्कृतियों और व्यापार से जुड़े होते थे। दीव में ही पारसी समुदाय के लोग पहली बार भारत आए थे। इस स्वीकार्यता और सम्मिलन की प्रकृति ने हमारी सभ्यता को परिभाषित किया है और आज इसे विश्व के विचारों का संवाद केंद्र बना दिया है। हमें इस प्रकृति को संजो कर रखना होगा । इसी से हमारे देश में अनेक संस्कृतियों का सम्मिलन हुआ है।