नई दिल्ली (9 नवंबर 2015)केन्द्र सरकार ने सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए ‘वन रैंक वन पेंशन’ की अधिसूचना जारी कर दी। भारत में सैन्य बलों का इतिहास गौरवमय रहा है और बहादूरी तथा वीरता सदैव से इनकी परंपरा रही है। सैन्य बलों न केवल अद्भुत वीरता और बहादुरी से देश की सीमाओं की सुरक्षा की है, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं तथा अन्य मुसीबतों के समय भी बहादुर और निडर रवैये तथा सहानुभूति के साथ कार्य किया है। भारत सरकार उनके इस योगदान को पहचानते हुए उनका सम्मान करती हैं।
‘वन रैंक वन पेंशन’ की मांग सैन्य कर्मियों द्वारा काफी लंबे समय से की जा रही थी। सैन्य बल लगभग पिछले चार दशकों से यह मांग करते आ रहे थे लेकिन यह मुद्दा सुलझाया नहीं जा सका था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेवानिवृत्त सैनिकों के कल्याण के लिए इसे लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई थी तथा इसलिए सरकार ने 5 सितंबर, 2015 को वन रैंक वन पेंशन लागू करने के तरीकों की घोषणा की थी। इस संबध में रक्षा मंत्रालय के जिस आदेश को आचार संहिता के कारण जारी नहीं किया जा सका था, उसे शनिवार को जारी किया गया है।