गाजियाबाद (9नवंबर2015)-अगर एक समूचा परिवार मिलकर प्रतिदिन पैसे कमाए तो वह अपने पेट को भरने के सात अपनी सभी ख्वाहिशो को पूरा कर सकता है । मगर वहीं पूरा परिवार अगर रास्ता चल ले तो एक गैंग का रुप ले लेती है । जिनका मकसद सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए लूटना और अपना गुजारा करना बन जाए। ऐसा ही एक गैंग बावरिया के रूप में मेरठ जैसे शहर में पैदा हुआ जिसमें एक ही परिवार के 6 लोग एक गिरोह चलाते हैं । इस गिरोह की खास बात यह थी कि जब भी वह अपनी कोई भी घटना अंजाम देते थे । उससे पहले वह पूरे क्षेत्र में डेरा डाल वहां की की रेकी करते थे । और पूरी जानकारी मिलने पर अपनी घटना को रात के घने अंधेरे में अंजाम देते थे । और इसके साथ-साथ वह आपस में बात करने के लिए भिन्न भिन्न जानवरो की आवाजें निकालते थे ।
जिन्हें उनकी शायद कोई भाषा भी बताया गया । पुलिस अधीक्षक/जिलाधिकारी के निर्देशन से हरिदयाल सिंह के नेतृत्व में सोमवार को एक विशेष टीम बनाकर लूटपाट की घटना को अंजाम देने पहुंचे । इस गिरोह को आधी रात के बाद गिरफ्तार किया गया । गिरफ्तार किये लोगो में बनै सिंह, ऋतु सिंह, मोबिनसिंह, नसीम, सतीश , ताराचन्द, हैं ।एक ही परिवार के 6 सदस्यों से मिली जानकारी से पता चला । बावरिया गिरोह मुख्यरूप से जनपद मेरठ , हापुड़, बुलन्दशहर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, और नोएडा, में घटनाएं करते थे । मिली जानकारी के अनुसार उनके पास से बरामद 3 तमंचे, 315 बोर, और कारतूस और तीन तमंचे देशी और कारतूस बरामद किये गये हैं।