गाजियाबाद (4 नवंबर 2015)- अगर निगम आयुक्त और सफाईकर्मियों के बीच का टकराव इसी तरह चलता रहा तो हो गाजियाबाद शहर बन सकता है कूड़े का ढेर। आज हालात ये हैं कि आयुक्त अब्दुस्समद अपनी जगह अडिग हैं तो सफाईकर्मी अपनी मांगों को लकर आरपार के मूड में। कहा तो यहां तक जा रहा है कि आयुक्त अपने राजनीतिक संरक्षण और एक मीडिया हाउस के दम पर अपने सामने किसी को कुछ समझने को तैयार नहीं। जबकि सफाईकर्मियों का कहना है कि अपने हक़ के लिए वो किसी से दबने वाले नहीं।
हालात ये हैं कि एक तरफ तो नगर निगम आयुक्त अपने आप में मगन हैं जबकि सफाईकर्मी अपनी मांगो को लेकर भूखहड़ताल पर चले गये हैं।उनका आरोप है कि गाजि़याबाद के नगर आयुक्त अब्दुल समद द्वारा सफाई कर्मचारियों को किए वादे ना ही पूरे किए गये हैं, साथ ही बाल्मीकी समाज की एकता को बिखेरने का काम किया जा रहा है।
सफाईकर्मियों का कहना है कि आयुक्त महोदय सभी पार्षदों के साथ बैठकर हुए एक समझौते को ना मानकर लोगों को गुमराह करने का काम कर रहें हैं। इसके बाद कर्मचारियों की मांग पूरी ना होने के कारण सभी सदस्य के लोंगो ने भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया है। उन्होनें इस दौरान नगर आयुक्त के खि़लाफ़ नारे भी लगाये। धरने के उपरान्त कर्मचारियों ने बुधवार को धरने को स्थगित करते हुए कहा कि दीपावली के बाद पुनः कर्मचारियों की हड़ताल शुरु होगी । और तब तक चलेगी जब तक सफाई कर्मचारेयों की सभी मांगे पूरी नहीं की जाती । उन्होने बताया कि यह शहर की व्यवस्था को भंग करने के बजाए शांति को देख कर लिया गया है।