नई दिल्ली(27 अक्तूबर2015)राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अवसर पर अपने संदेश में कहा कि हम भारत को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने और इस लक्ष्य को हासिल करने में असीमित प्रयास करने की हमारी प्रतिबद्धता को पुन: दोहरायें।
केंद्रीय सतर्कता आयुक्त को लिखे पत्र में राष्ट्रपति ने कहा उन्हें यह जानकर खुशी हुई है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग 26 से 31 अक्तूबर, 2015 तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह मना रहा है।
भ्रष्टाचार से राष्ट्र की प्रगति प्रभावित होती है, सरकार की आय घटती है और आय तथा धन के आवंटन में असमानता पैदा होती है। यह विकास में बाधा डालने का प्रमुख कारण है। यह महत्वपूर्ण है कि भ्रष्टाचार जैसी बुराई के बारे में जागरूकता पैदा हुई है और जनमत तैयार हुआ है। भ्रष्टाचार का ईलाज एक बीमारी के रूप में किये जाने की आवश्यकता है और रोक पर ध्यान दिया जाना चाहिए। आयोग ने इस वर्ष उचित विषय ‘’सुशासन के साधन के रूप में सुरक्षात्मक सतर्कता’’ चुना है। सुरक्षात्मक सतर्कता के लिए किये गये उपायों से न केवल भ्रष्टाचार कम होगा बल्कि क्षमता बढ़ाने, पारदर्शिता और विधि शासन के अनुपालन से सुशासन में योगदान भी होगा। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग भ्रष्टाचार के बारे में जागरूकता फैलाने और सुशासन को बढ़ावा देने के लिए छात्रों और युवाओं पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है।