नई दिल्ली (21 अक्तूबर 2015) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने कहा है कि दादरी कांड एक पूर्व नियोजित साजिश थी, कोई दुर्घटना नहीं। वहां भीड को हमले के लिए उकसाया गया था। आयोग ने यह खुलासा अपनी रिपोर्ट में किया है। अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य फरीदा अब्दुल्ला ने एक टीवी चैनल से बातचीत के दौरान कहा उन्होंने बताया कि उन्होने दादरी के बिसाहडा गांव में जाकर पूछताछ की। जानकारी जुटाई जिससे अन्दाजा हुआ कि पीडित परिवार से किसी की दुश्मनी नहीं थी। वहां ऎसी कोई भी वजह नहीं थी जो कि इस तरह के हमले के लिए जिम्मेदार बन सके। फरीदा अब्दुल्ला के अनुसार , जिस वक्त ये घटना हुई उस वक्त लोग अपने घरों में सो रहे थे । गांव के किसी मुसलमान को इस बात का अंदाजा नहीं था कि इस तरह की वारदात होने वाली है। आयोग की सदस्य ने कहा कि बिना किसी योजना के अचानक किसी को मारने के लिए गांव के इतने सारे लोगों को एकत्रित करना मुमकिन नहीं था। उन्होने कहा कि वहां लोगों में जुनून भरा गया, उन्हें उकसाया गया। फरीदा का मानना था कि यह घटना एक परिवार के खिलाफ नहीं बल्कि एक पूरे समुदाय के खिलाफ थी । और इसे हवा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि आज ऐसा महसूस हो रहा है कि मुसलमानों पर कभी भी हमला किया जा सकता है, और इसके लिए कोई जवाबदेही नहीं है।