सिंगापुर(12 सितम्बर 2015)- पर्युषण आत्मशुद्धि और दुनियां में में भाईचारे का पैगाम देने का महापर्व है। यह कहना जैनाचार्य डॉ. लोकेश मुनि का। पर्यटन के लिए विश्व प्रसिद्ध सिंगापुर शहर में प्रख्यात जैनाचार्य व अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक आचार्य डा. लोकेश मुनि के सान्निध्य में पर्युषण महापर्व धूम धाम से मनाया जा रहा है। सिंगापुर जैन रिलिजन सोसाइटी द्वारा आयोजित पर्युषण महापर्व में आचार्य लोकेश का ओजस्वी प्रवचन सुनने के लिए प्रतिदिन प्रातः व सायं दोनों समय हजार स अधिक भाई बहन उपस्थित होते है जिनमे युवाओं की संख्या सर्वाधिक होती है। प्रवचन के साथ-साथ तपस्या करने वाले भाई-बहनों का ताँता लगा हुआ है। अब तक सौ से अधिक अठाई तप का संकल्प स्वीकार कर चुके है| उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व अमेरिका, ब्रिटेन, मलेशिया, आदि देशों में अनेकों बार आचार्य लोकेश के सान्निध्य में पर्युषण महापर्व का आयोजन हुआ है।
तप, जप, मौन, ध्यान, स्वाध्याय आदि आध्यात्मिक विषयों पर आचार्य लोकेश के ओजस्वी प्रभावी प्रवचन को सुनने के लिए सोसाइटी के विशाल सभागार में अबाल-वृद्ध सभी का उत्साह देखने लायक होता था।
आधुनिकता से परिपूर्ण सिंगापुर शहर में युवाओं का ध्यान, योग, आध्यात्मिक प्रवचन और तपस्या के प्रति झुकाव देखकर आचार्य लोकेश ने कहा कि त्याग और संयम आधारित भारतीय संस्किति के प्रति लोगो का आकर्षण यह बात सिद्ध करता है कि भौतिक विकास सुख के साधन उपलब्ध करा सकता है किन्तु मन की शांति नहीं| मन की आतंरिक शांति के लिए आध्यात्म ही एकमात्र मार्ग है| भगवन महावीर द्वारा प्रतिपादित संयम आधारित जीवन शैली को अपनाकर व्यक्ति स्वस्थ, सुखी और आनंदमय जीवन जी सकता है।
आचार्य लोकेश ने कहा कि पर्युषण महापर्व आत्मा- आराधना का विशिष्ठ पर्व है। इस पावन अवसर पर ध्यान, जप, स्वाध्याय, तप आदि के द्वारा आत्मा को कर्म बन्धनों से मुक्त कर आध्यात्मिक विकास का प्रयास किया जाता है। इस अवसर पर सिंगापुर जैन रिलिजन सोसाइटी के अध्यक्ष श्री राजेश शाह ने अपने विचार व्यक्त किये।