नई दिल्ली (9 सितंबर 2015) सरकार ने गोल्ड बॉन्ड तथा स्वर्ण मौद्रीकरण योजनाओं को आज मंजूरी दे दी। इसका मकसद भौतिक रूप से धातु की मांग में कमी तथा घरों एवं अन्य इकाइयों के पास पड़े निष्क्रिय पड़े सोने को बाजार में निकलवाना है।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, ‘दोनों योजनाएं उपयोग के नजरिए से सुरक्षित और आर्थिक रूप से ज्यादा स्थिर हैं। स्वर्ण बॉन्ड योजना में सालाना सीमा 500 ग्राम प्रति व्यक्ति होगी और इस प्रकार के बॉन्ड को 5 से 7 साल की अवधि के लिए जारी किया जाएगा।
इस योजना के तहत भौतिक रूप से सोना खरीदने के बजाए, भारतीय नागरिक गोल्ड बॉन्ड खरीद सकते हैं। वित्त वर्ष 2015-16 के बजट में सोवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) शुरू करने का प्रस्ताव किया था ताकि स्वर्ण के विकल्प के रूप में इसे वित्तीय संपत्ति के रूप में विकसित किया जा सके।