हैदराबाद(8 सितंबर 2015)- केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सीआईएसएफ अधिकारियों का आह्वान किया है कि वे नए तरह के आतंकवाद, विद्रोही गतिविधियों जैसी उभरती चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए खुद को तैयार रखें। उन्होंने वीआईपी सुरक्षा, आपदा प्रबंधन, सरकारी इमारतों की सुरक्षा और विमानन सुरक्षा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सीआईएसएफ की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया।
राजनाथ सिंह हैदराबाद में मंगलवार को राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी मे भाग ले रहे थे । उन्होने 29वें बेच के सीधे नियुक्त, 9वें बेच के सहायक कमांडेंट और 41वें बेच के सब इंस्पेक्टरों की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए कहा कि साइबर अपराध जैसे अपराध के नए क्षेत्रों से निपटने के लिए बल को अपनी क्षमता में सुधार करना होगा क्योंकि दुनिया डिजीटल हो गई है। उन्होंने कहा कि बल की संख्या वर्तमान 1.36 लाख से करीब 2 लाख करने की पहल की है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने राष्ट्र विरोधी ताकतें अर्थव्यवस्था को अस्थिर करने का लगातार प्रयास कर रही हैं जिसके वर्तमान 2 खरब रुपये से 7 खरब रुपये तक पहुंचने की संभावना थी। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है। उन्होंनेमहिला जवानों की संख्या बढ़ाने की जरूरत पर भी बल दिया । उन्होंने कहा कि सीआईएसएफ वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित इलाकों की विकास गतिविधियों में सक्रियता से शामिल है।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों के उचित और अधिकतम इस्तेमाल के लिए विशेष सुरक्षा ऑडिट की जरूरत है। उन्होने में बल में महिलाओं 5.04 प्रतिशत से बढ़ाकर 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का आश्वासन दिया ।
इस अवसर पर बोलते हुए सीआईएसएफ के महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह का कहना था कि अधिकारियों को विभिन्न प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।