(फरमान अली)
गाजियाबाद(24अगस्त2015)- नए बस अडडे पर निर्माणाधीन रेड माल के स्वामित्व पर नगर निगम व जीडीए में रार शुरू हो गई है। नगर निगम ने इसके स्वामित्व पर सवाल उठाया है तथा जीडीए द्वारा माॅल दिए जाने की कार्रवाई को अवैध ठहराते हुए कार्रवाई करने को कहा है। इस संबंध में नगर आयुक्त अब्दुल समद ने एक पत्र जीडीए को लिखा है। जिसमें मॉल के निर्माण को अवैध ठहराया है। गौरतलब है कि नगर निगम की बस अडडे पर निर्माणाधीन रेड यानि आरईडी माॅल को लेकर लंबे समय विवाद चल रहा है । कई संस्थाओं द्वारा पहले ही इसके अस्तित्व पर सवाल उठाए जा चुके हैं तथा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की जा चुकी है। हाईकोर्ट भी इसको लेकर अनेक बार आदेश जारी कर चुका है लेकिन जीडीए व प्रशासन इसको लेकर कोई कार्रवाई नहीं कर सका है। नगर निगम की कार्यकारिणी व बोर्ड बैठकों में भी इस संबंध में कई बार मामला उठाया जा चुका है लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। भाजपा पार्षद राजेंद्र त्यागी ने भी इस मामले को उठाया था। लेकिन लंबे समय बाद अब एक बार फिर रेड माॅल का निर्माण खतरे में पड गया है। नगर आयुक्त अब्दुल समद ने इसको लेकर एक पत्र जीडीए उपाध्यक्ष को लिखा है जिसमें कहा गया है कि वर्तमान में गाटा संख्या -352,353,354,355,358,371,372 ग्राम बौंझा क्षेत्रफल 45956वर्ग मीटर राजस्व अभिलेखों में म्युनिसिपल बोर्ड सलेज फार्म श्रेणी-1 (क) संक्रमणीय भूमिदर के रूप में दर्ज है। तो इस भूमि को जीडीए ने किस प्राविधान व नियम के अनुसार सेलीब्रेशन सिटी प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित की है। प़त्र में यह भी कहा गया है कि इस भूमि को लेकर नगर निगम व जीडीए के बीच कोई समझौता हुई है इसका कोई अभिलेख नगर निगम में उपलब्ध नहीं है। नगर निगम व जीडीए के अधिकारियों की बैठकों में मात्र समझौते के आधार पर भूमि का स्वामित्व अंतरित नहीं हो सकता। इसके लिए नियमानुसार कार्रवाई किया जाना जरूरी होता है। जो साक्ष्य हैं कि उनसे स्पष्ट है कि भूमि को कभी भी जीडीए के पक्ष में पुर्रग्रहण या अधिग्रहण किया गया है। जीडीए ने बिना स्वामित्व व अधिकार के 17 जुलाई 2006 को इस भूमि को मैसर्स वृद्वि मर्चेंट प्राइवेट लिमिटेड के पक्ष में एग्रीमेंट टू सेल निस्पादित किया जबकि इस विक्रय के बाद भी अभिलेखों में कंपनी के पक्ष में भूमि का नामांतरण राजस्व अभिलेखों में नहीं किया गया है। इसके बाद अब सेलीब्रेशन सिटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा रेड माॅल का निर्माण कराया जा रहा है। जीडीए द्वारा किस रूप में अनुमति दी गई है। नगर आयुक्त ने कहा है कि यह भूमि जीडीए द्वारा किसी बिल्डर को 100 करोड रूपये में बेच दी थी। इसको लेकर तत्तकालीन नगर आयुक्त विजय कुमार यादव ने भी जीडीए को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई थी। बता दे कि इस समय श्री यादव जीडीए उपाध्यक्ष हैं। नगर आयुक्त ने इस संबंध में कार्रवाई करने को कहा है।
हाईकोर्ट जाएंगेःराजेंद्र त्यागी
समाजसेवी व भाजपा पार्षद राजेंद्र त्यागी ने कहा है कि नगर निगम ने पहली बार यह स्वीकार किया है कि यह भूमि नगर निगम की है। यह सत्य भी है। जीडीए के पक्ष में न तो भूमि अधिग्रहण,पुर्नग्रहण किया गया है और न ही कोई सेल डीड की गई है। इस जीडीए को इस भूमि को बेचने का कोई अधिकार नहीं है। वह इसको लेकर हाईकोर्ट जाएंगे।
हम पहले ही मामला उठा चुके हैःआजाद खालिद
समाजसेवी व पत्रकार आजाद खालिद का कहना है कि इन सब बिंदुओं पर वह हाईकोर्ट जा चुके है। नगर आयुक्त का सराहनीय कदम है कि उन्होंने यह मामला फिर उठाया। नगर निगम को पत्र लिखने के बजाय इस संबध्ंा में जीडीए के तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करानी चाहिए। वैसे हम इसको लेकर हाईकोर्ट जा चुके हैं तथा नगर निगम के इस पक्ष को होई कोर्ट से अवगत कराएंगे।
जीडीए ने की धोखाधडीःसैफ
आल इंडिया सैफी फ्रंट के अध्यक्ष शकील अहमद का कहना है कि जीडीए के जिन अधिकारियों के कार्यकाल में यह संपत्ति बेची गई उनके खिलाफ बेईमानी व धोखाधडी का मुकदमा कायम होना चाहिए तथा मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। रेड माॅल की जमीन उसके असली स्वामी नगर निगम को सौंपी जानी चाहिए।