गाजियाबाद(4अगस्त2015)- गाजियाबाद यूथ कांग्रेस के महासचिव अरुण चौधरी की नियुक्ति को लेकर गुटबाज़ी सामने आ रही है। गाजियाबाद यूथ कांग्रेस की लोकसभा अध्यक्ष संगीता मोनज कौशिश ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि यह नियुक्ति नियमों के विरुद्ध थी और हाइकमान ने इसको रद्द करते हुए आइंदा कोई भी नियुक्ति राष्ट्रीय कार्यकारणी के सहमति के बाद ही की जाएगी। हांलाकि इस बारे में अरुण चौधरी ने अपना विरोध दर्ज किया है और उनका कहना है कि उनकी नियुक्ति प्रदेश अध्यक्ष द्वारा तमाम नियमों को ध्यान में रख कर ही की गई है।
गाजियाबाद यूथ कांग्रेस की लोकसभा अध्यक्ष संगीता मोनज कौशिक ने एक बयान और उलसके साथ यूथ कांग्रेस के उत्तर प्रदेश सचिव की चिठ्ठी जारी करते हुए अरुण चौधरी की नियुक्ति को अवैध करार दिया है। दरअसल मनोज कौशिक का कहना है कि इस नियुक्ति को रद्द किया जाने के साथ साथ भविष्य में भी कोई नियुक्ति राष्ट्रीय कार्यकारणी की सहमति के बाद ही की जाएगी। उनका कहना है कि इस मामले पर यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने गंभीरता दिखाई है। लेकिन इस मामले पर जब अरुण चौधरी से बात की गई तो उनका कहन था कि उनकी नियुक्ति प्रदेश अध्यक्ष अमातुल्ला खान ने की है, तो उसको रद्द करने का अधिकार महासचिव को कैसे हुआ। साथ ही उनका कहना कि कुछ लोग अपने निजी राजनीतिक स्वार्थ के लिए कांग्रेस को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं। अरुण चौधरी का कहना है कि हाल ही में हुए कार्यक्रम में पहली बार कांग्रेस की जिला कमेटी, महानगर कमेटी, महिला कमेटी और यूथ कमेटी के अलावा कांग्रेसियों में जो तालमेल देखने को मिला उससे कुछ लोग बौखला गये हैं। जहां यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमातुल्ला खान, गाजियाबाद के पुूर्व सांसद सुरेंद्र प्रकाश गोयल, जिलाध्यक्ष हरेंद्र कसाना, और लोनी के अधय्क्ष हाजी मेजर एक साथ मौजूद थे। और यही लोग एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए ओछी राजनीति कर रहे हैं। बहरहाल अरुण चौधरी का कहना है कि यदि हाइकमान का यही आदेश है तो वे उसका सम्मान करेंगे।