नई दिल्ली(29जुलाई2015)- दो ही दिन पहले पंजाब में हुए आतंकवादी हमले में जहां एक तरफ एक पंजाब पुलिस एसपी समेत कई लोगों की जान चली गई वहीं रेलवे के कर्मचारी की मुस्तैदी और सूझबूझ से न सिर्फ क बड़ा हादसा टल गया है बल्कि सैंकड़ों लोगों की जान भी बचाई जा सकी है। रेलमंत्री सुरेश प्रभू ने रेल कर्मचारी अश्विनी कुमार को 50,000 हजार रुपये के नकद पुरस्कार की अनुमति दी है। रेल मंत्रालय द्वारा एक बयान के मुताबिक़ अश्विनी कुमार की तत्परता और बहादुरी के कारण समय रहते एक बम का पता लगाया जा सका था। जिससे पंजाब में हजारों यात्रियों की जान बचाई गई। अश्विनी कुमार वर्तमान में उत्तर रेलवे के फिरोजपुर खंड के अंतर्गत पठानकोट-अमृतसर खंड में कीमैन के रूप में कार्यरत हैं।
गौरतलब है कि 27 जुलाई, 2015 की सुबह पंजाब के गुरूदासपुर जिले में एक आतंकवादी हमला हुआ । इसी दौरान दीनानगर के पास पठानकोट-अमृतसर रेलवे लाइन के पुल नम्बर 236 पर एक बम जैसी संदिग्ध वस्तु पाई गई। कीमैन अश्विनी कुमार ने पैट्रोलिंग करते हुए इस संदिग्ध वस्तु को सबसे पहले सुबह 6 बजे देखा। संदिग्ध वस्तु देखने के बाद अश्विनी कुमार ने तुरंत कार्यवाई करते हुए पुल की ओर आ रही ट्रेन संख्या- 54612 की ओर दौड़े और अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए उसे पुल से पहले ही रोक दिया था। अश्विनी कुमार के इस अदम्य साहस के चलते न सिर्फ ट्रेन यात्रियों की जान बची। बल्कि पठानकोट-अमृतसर खंड में पुल होने वाले नुकसान को भी टाला जा सका। अश्विनी कुमार को यह पुरस्कार अदम्य साहस और कर्तव्यपरायणता के लिए दिया गया है। दरअसल रेलवे के एक समझदार कर्मचारी अश्विनी कुमार की सूझबूझ ने समाज को यह शिक्षा भी दी है कि अगर इंसान अपनी नज़र और दिमाग को खुला रखे तो कोई बड़ा काम अंजाम दिया जा सकता है।