नई दिल्ली(23जुलाई2015)- भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को कांग्रेस के एक और मुख्यपमंत्री के भ्रष्टातचार का बड़ा खुलासा किया है। बीजेपी ने एक संवाददाता सम्मेरलन में बताया कि हिमाचल प्रदेश के कांग्रेसी मुख्यीमंत्री वीरभद्र सिंह ने बड़ा भ्रष्टााचार किया है। भाजपा ने कहा कि तीन साल के भीतर ही वीरभ्रद सिंह और उनके परिवार की कथित कृषि आय 47.35 लाख रुपये से बढ़कर 6.56 करोड़ रुपये हो गई है, जिसका खुलासा आयकर विभाग के शिमला और चंडीगढ़ आयुक्तों की जांच में हुआ है। भाजपा ने संवाददाता सम्मलेन में कहा कि वीरभद्र सिंह ने स्वियं तथा उनके परिवार के अन्यढ सदस्योंो ने न सिर्फ हिमाचल की जनता के धन की लूट की है बल्कि अपनी काली कमाई को छुपाने के लिए आयकर रिटर्न में भी हेराफेरी और कागजी धोखाधड़ी की है। भाजपा ने कांग्रेसी मुख्यपमंत्री वीरभद्र सिंह के तत्काटल इस्तीफफे की मांग की है।
भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी व राहुल गांधी से जवाब माँगा कि क्या कांग्रेस पार्टी जो बिना किसी सबूत के सुषमा स्वराज, शिवराज सिंह चौहान और वसुंधरा राजे सिंधिया के खिलाफ बिना प्रामाणिक तथ्यों के केवल आरोप लगाने की निम्न-स्तरीय राजनीति कर रही है, वह अब अपने वर्तमान मुख्यमंत्रियों श्री हरीश रावत और वीरभद्र सिंह को इस्तीफे देने के लिए कहेगी जिनके खिलाफ कानूनी तौर पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के पक्के साक्ष्य मौजूद हैं.
संवाददाता सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए रविशंकर प्रसाद और एम. जे. अकबर ने कहा कि मुख्यदमंत्री वीरभद्र सिंह ने अपने दो सहयोगियों- आनन्द चौहान और वकमुल्लास चंद्रशेखर की मदद से इस भ्रष्टा चार का अंजाम दिया है। उन्होंने भ्रष्टादचार में लिप्तय वीरभद्र सिहं और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग भी की।
भारतीय जनता पार्टी ने संवाददाता सम्मेिलन में बताया कि भ्रष्टाकचार का पहला मामला वीरभद्र सिंह की काली कमाई है जो तीन साल के भीतर चंद लाख रुपये से बढ़कर करोड़ों रुपये हो गई है। हिन्दूष संयुक्तक परिवार के तौर पर वीरभद्र सिंह ने जो आयकर रिटर्न दाखिल किया है उसमें कथित रूप से कृषि से आय 2009-10 में मात्र 47.35 लाख रुपये थी जो तीन साल के भीतर कई गुना बढ़कर 6.56 करोड़ रुपये हो गई। इतना ही नहीं वीरभद्र सिंह ने अपनी काली कमाई सफेद करने के लिए मार्च 2012 में आयकर रिटर्न में बदलाव किया और पहले से कई गुना आय कृषि आय के रूप में दिखा दी।
संवाददाता सम्मलेन में यह भी कहा गया कि वीरभद्र की बेहिसाब दौलत और काली कमाई के पहले मामले के तार आनन्दे चौहान नाम के व्यनक्ति से जुड़़े हैं। आनंद चौहान पुत्र कृष्ण चंद (जो कैलाश निवास इंदिरा नगर, धाली, शिमला के निवासी हैं) के बैंक अकाउंट में लगभग छह करोड़ रुपए की नकद जमा में निहित है। बीजेपी के मुताबिक आनंद चौहान एक एलआईसी एजेंट हैं और उनके विभिन्न टैक्स रिटर्न में प्रति वर्ष लगभग दो लाख रुपए की आय दिखाई गई है। उनके आय प्रोफाइल और बैंक खातों में नकदी जमा के बीच अंतर होने के कारण आयकर विभाग ने कंप्यूटर असिस्टेड संवीक्षा योजना (CASS) के तहत उनके खातों की जांच की। जांच में यह बात सामने आई कि श्री आनंद चौहान के बैंक अकाउंट में जमा राशि का वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के लिए एकल प्रीमियम जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए इस्तेमाल किया गया था। जीवन बीमा पॉलिसियों के आवेदन फॉर्म पर वीरभद्र सिंह और उनके परिवार के सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं।
भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जांच के दौरान आनंद चौहान ने दस्तावेजों के माध्यम से बताया कि ये रकम उनकी नहीं बल्कि वीरभद्र सिंह जी के सेबों के बाग़ की कमाई है जिसका प्रबंधन वह देखते हैं. पर यह दस्तावेज ही गंभीर संदेह को जन्म देता है क्योंकि बिशम्भर दास पहले से ही श्री वीरभद्र सिंह की ओर से सेब के बगीचे का प्रबंध देखते है जिसके प्रमाण में 17-06-2008 दिनांकित इस आशय के समझौते का रिकॉर्ड पहले से ही मौजूद है जबकि श्री आनंद चौहान और श्री वीरभद्र सिंह के बीच के तथाकथित समझौता 15-06-2008 को बताया जाता है। स्पष्ट है कि यह दस्तावेज स्वयं को बचाने के उद्देस्य से तैयार किया गया है.
भाजपा ने कहा कि 02/03/2012 को वीरभद्र सिंह ने 3 साल के लिए अपनी आय का संशोधित रिटर्न दाखिल किया जिसमें यह पाया गया कि इन तीन वर्षों में उनकी कृषि से कुल आय 47.35 लाख रुपए से बढ़कर 6.56 करोड़ रुपए हो गई।
पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोलते हुए रविशंकर प्रसाद और एम. जे. अकबर ने कहा कि वीरभद्र के भ्रष्टााचार के एक दूसरे मामले का तार एक अन्य व्याक्ति वकामुल्ला चंद्रशेखर से जुड़े हैं जो तारिणी ग्रुप के प्रवर्तक हैं। चंद्रशेखर ने 2011-12 वित्तीय वर्ष में वीरभद्र सिंह और उनके परिवार (वीरभद्र सिंह को 2.4 करोड़ रुपये, प्रतिभा सिंह को 1.5 करोड़ रुपयेऔर विक्रम आदित्य सिंह 2 रुपये करोड़ रुपए) को कुल 5.9 करोड़ रुपये का ऋण दिया जबकि वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान भी इससे ग्रुप द्वारा श्री वीरभद्र सिंह को 1.2 करोड़ रुपये और श्रीमती प्रतिभा सिंह को ६० लाख का ऋण दिया गया। जाहिर तौर पर वकामुल्ला चंद्रशेखर का व्यावसायिक हित हिमाचल प्रदेश में विद्युत परियोजनाओं में है इसलिए अनुबंधित समय सीमा के बाद भी विद्युत परियोजनाओं को जारी रखने के लिए राज्य राज्य के मुखिया को लाभान्वित करना आवश्यक है। वकामुल्ला ने इस तरह के लोन के लिए कोई सार्थक तथ्य प्रस्तुत नहीं किये हैं। यह बताया गया कि ये लोन उनके कृषि भूमि की आय से दिया गया है जबकि जांच से पता चला है कि वकामुल्ला चंद्रशेखर के नाम कोई कृषि भूमि है ही नहीं। इतना ही नहीं, जिक्र किये गए जमीनों में से एक पट्टी एक बूढ़ी महिला के नाम है और इस जमीन से उनकी आय महज 50,000 सालाना है।
भाजपा ने कहा कि वकमुल्ला चन्दर शेखर की एक अन्य कम्पनी तारिणी इंटरनेशनल से वीरभद्र सिंह और उनके बेटे ने करोड़ों रुपये के शेयर खरीदे। गौरतलब है कि यह सारा व्यौरा गत वर्ष हुए विधानसभा चुनावों के दौरान वीरभद्र सिंह द्वारा दाखिल किए गए हलफनामें में छुपाया था। इसी प्रकार प्रतिभा सिंह ने भी इस कम्पनी में अपने 34 लाख शेयरों का अपने हलफनामें में कोई उल्लेख नहीं किया, जबकि उन्होंने किसी अन्य गैर-सूचित कम्पनी 2110 शेयरों का उल्लेख किया था। उनके दोनों बच्चों से भी इसी व्यक्ति, जिसकी वीरभद्र ने तरफदारी की थी, द्वारा स्थापित उसी कम्पनी के 3.4 लाख और 3 लाख शेयर हैं। वर्ष 2012 की कम्पनी की आडिट रिपोर्ट के अनुसार कम्पनी ने लगभग 4.65 करोड़ रुपए के ऋण का भुगतान नहीं किया है।
भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यरमंत्री के भ्रष्टांचार के ये मामले बेहद गंभीर है। इन मामलों की निष्प्क्ष जांच के लिए यह जरूरी है कि हिमाचल प्रदेश के कांग्रेसी मुख्यटमंत्री वीरभद्र सिंह को तत्कागल अपने पद से इस्तींफा देना चाहिए।
भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एवं हिमाचल प्रदेश के प्रभारी श्री श्रीकांत शर्मा ने पत्रकार-वार्ता के दौरान संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस के ‘कांग्रेस का हाथ, आम आदमी के साथ’ के नारे पर तंज कसते हुए कहा कि यह नारा अब ‘कांग्रेस यानी राहुल का हाथ, शराब माफियाओं और लुटेरों के साथ’ हो चुका है. यूपीए-१ और यूपीए-२ से शुरू हुई लूट का सिलसिला बदस्तूर जारी है और जहाँ-जहाँ कांग्रेस की सरकार है, वहां-वहां भ्रष्टाचार और लूट के नित नए आयाम स्थापित होते जा रहे है और जनता के पैसे को लूटने वालों को कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी का पूरा आशीर्वाद प्राप्त है. उन्होंने कहा कि देश की जनता यह भी जानना चाहती है कि गरीब आदमी के पैसे की इस लूट में 10 जनपथ का कितना कमीशन है? भीजेपी का कहना है कि अगर कमीशन नहीं होता तो कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और राहुल गांधी जन-धन की लूट करने वाले को नहीं बचाते।
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